56 लाख रुपये गबन करने के आरोपी को आधी रात में थाने से मिली जमानत, BJP प्रतिनिधिमंडल SSP से मिले

मामले की गंभीरता को देखते हुए SSP ने दो दिन में जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया

गोरखपुर। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर दो अप्रशिक्षित शिक्षकों को वेतन के नाम पर राजकोष से 56 लाख रुपये का बंदरबांट करने के आरोपी बीएसए कार्यालय के लेखाकार व बाबू को थाने से जमानत देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल एसएसपी से मिला। एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दो दिन में जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

झंगहा थाने से बीएसए कार्यालय के लेखाकार और बाबू को आधी रात में जमानत देने का मामला झंगहा थाने में दर्ज धोखाधड़ी, जालसाजी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर राजकोष से 56 लाख रुपये का बंदरबांट करने के मामले में पुलिस ने अपनी जांच में बीएसए कार्यालय के लेखाकार व बाबू को दोषी पाया था। चार्जशीट तैयार होने के बाद चार दिन पहले झंगहा पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आधी रात के बाद दोनों को थाने से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दे दी गई। मुकदमा कायम कराने वाले किसान पूर्व माध्यमिक विद्यालय दुबौली के प्रबंधक गुलाब साहनी व प्रधानाचार्य डॉ. विनय सिंह ने इसे भ्रष्टाचार के आरोपियों पर पुलिस की मेहरबानी करार देते हुए उच्चाधिकारियों से प्रकरण की जांच की मांग की थी। एडीजी ने एसएसपी को मामले की जांच के निर्देश भी जारी किए हैं।

पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की

प्रबंधक व प्रधानाचार्य भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय मंत्री विश्वजिताशु सिंह आशू, राधेश्याम रावत आदि के साथ एसएसपी से मिले और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। यह भी आरोप लगाया कि आधी रात के बाद अचानक दोनों आरोपियों को पुराने पर्चों के आधार पर सीओ ने जमानत की मंजूरी दे दी।

किसी डॉक्टर से चेक अप कराए बगैर आरोपियों की ही बात मान ली गई। एसएसपी ने एसपी नार्थ को बुलाकर प्रतिनिधिमंडल के सामने ही प्रकरण की जानकारी ली। आश्वस्त किया कि दो दिन में जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी। साथ ही यदि आरोपियों को यदि गलत तरीके से जमानत दी गई होगी तो जमानत रद की जाएगी।