दलितों पर अत्याचार, कोर्ट से स्टे के बावजूद तहसीलदार ने ग्रामीणों की ज़मीन को कर दिया नीलाम

दलितो का पूरा परिवार भूखे मरने की कगार पर, किसान आत्महत्या करने को हो रहे है मजबूर

बुलंदशहर। यूपी में भले ही बीजेपी की सरकार बन गयी हो और दलितों को रिझाने के लिए काम कर रही हो लेकिन दलितों पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है और दबंग के सामने वो लाचार बने हुए है यहां तक की प्रशासन में शिकायत करने के बाद भी उनकी कोई सुनने वाला नहीं है जब किसी ने उनकी नहीं सुनी तो उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा मगर कोर्ट का स्टे मिलने के बाद भी प्रशासन अपनी चला रहा है और दलित व उनका परिवार भूखे मरने की कगार पर खड़ा हुआ है। दलितों द्वारा अपनी जमीन पर बोई फसल को काटने का भी अधिकार नहीं मिल रहा है जिससे उनकी रोजी रोटी के भी संकट गहरा गये हैं। मामला बुलंदशहर के इब्राहिमपुर का है जहां ग्रामीण बता रहे हैं कि दबंग प्रशासन की मिली भगत से हमें दबाया जा रहा है।

बिना जांच करे ग्रामीणों की जमीन को ग्राम समाज में करा दिया गया दर्ज

इन तस्वीरों में ये ग्रामीण SDM हाय हाय के नारे लगा रहे हैं क्योंकि इनकी सुनने वाला कोई नहीं है और अपनी आप बीती बता रहे हैं हांलाकि इन ग्रामीणों के पास सारे कागजात भी है जो इन्हें ढूंढने पर मिल गये हैं क्योंकि इनके दादाओं के नाम ये पट्टे हुए है और ये एक नहीं ऐसे ही 37 लोग है जिनके 1957 में हुऐ पट्टों को अब वर्तमान प्रधान पति के बड़े भाई द्वारा प्रशासन की मिली भगत से ग्राम समाज में इनकी जमीन को दर्ज करा दिया गया है।

हांलाकि गांव वालों का कहना है कि 1963 में चकबन्दी भी गांव में हुई थी और चकबन्दी में भी अधिकारियों द्वारा नामित किया गया और उड़ान चक में जमीन कहीं और दी गयी। ग्रामीणों का कहना है कि दबंगों की मिली भगत साठ-गांठ और प्रशासन के बिना जांच करे उन्होंने हम ग्रामीणों की जमीन को ग्राम समाज में दर्ज करा दिया गया जब इस बात का इनको पता लगा तो ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना-पत्र दिया तो उन्होंने जांच के आदेश दिए और इधर कोर्ट से स्टे भी ले लिया ताकि जमीन पर ज्यों की त्यों स्थिति बनी रहे और फसल को काट कर अपने परिवार का लालन पोषण कर सकें। मगर आज उसके बावजूद भी तहसीलदार द्वारा उसकी निलामी की जा रही है उधर तहसीलदार कह रहे हैं कि मा0 कोर्ट का जो आदेश होगा उसका सम्मान किया जायेगा।