बैंक कैशियर ने लगाया हमले का आरोप, पुलिस ने घटना को किया सिरे से ख़ारिज कहा नहीं मिली तहरीर

बैंक ऑफ इंडिया की पचदेवरा ब्रांच के कैशियर की कार पर शुक्रवार की शाम को जानलेवा हमला हुआ, हमलावरों ने उन पर फायर भी किए हालांकि पुलिस इस घटना को सिरे से झुठला रही है।

हरदोई,पचदेवरा। बैंक ऑफ इंडिया की पचदेवरा ब्रांच के कैशियर की कार पर शुक्रवार की शाम को जानलेवा हमला हुआ। कैशियर के साथ इस दौरान उनका एक साथी भी था, दोनों बैंक बंद होने के बाद अपने घर शाहजहांपुर लौट रहे थे, आरोप है, कि हमलावरों ने उन पर फायर भी किए। किसी तरह वह हमलावरों उनके चंगुल से भाग निकले। मामले की जानकारी पचदेवरा पुलिस को दी गई। हालांकि पुलिस इस घटना को सिरे से झुठला रही है। थानाध्यक्ष की माने तो किसी भी बैंककर्मी द्वारा पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है। घटना की अनदेखी करने में जुटी पचदेवरा पुलिस के रवैया को देख कर बैंक कर्मियों ने सीओ शाहाबाद से मिलकर, रिपोर्ट लिखने के साथ ही हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।

पचदेवरा पुलिस ने कहा नहीं मिली तहरीर

पचदेवरा स्थित बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में कैशियर के पद पर कार्यरत अच्छे प्रसाद यादव एवं उनके साथी बद्री प्रसाद कुशवाहा शुक्रवार की शाम करीब साढ़े चार बजे बैंक बंद होने के बाद अपनी कार से शाहजहांपुर स्थित घर जा रहे थे। कैशियर के मुताबिक जब वह बरगदिया चौराहे के पास पहुंचे, तो वहां पहले से ही मौजूद कमालपुर ग्रामसभा की प्रधान मुन्नी देवी के बेटे ज्ञानेंद्र सिंह उर्फ नन्हे भैया ने करीब दर्जनभर साथियों के साथ उनकी कार पर को घेर लिया। आरोप है कि हमलावरों ने उन लोगों के कार से न उतरने पर लाठी डंडों और ईंट पत्थरों से उनकी कार पर हमला बोल दिया।

कैशियर की माने तो जब वह खुद को हमलावरों के चंगुल से बचाने के प्रयास में भागने की कोशिश करने लगे, तो हमलावरों ने उनकी कार के आगे एक बाइक को गिरा दिया, ताकि कैशियर और उसका साथी कार लेकर सुरक्षित भाग न सके। लेकिन किसी तरह कैशियर ने कार को एक साइड से निकालकर वहां से भागने का प्रयास किया।

बैंक मैनेजर का ग्राम प्रधान के बेटे ज्ञानेंद्र से खाता खुलवाने को लेकर हुआ था विवाद

आरोप यह भी है, कि हमलावरों ने कैशियर की गाड़ी का अनंगपुर तक तीन बाइकों के द्वारा पीछा भी किया, इतना ही नहीं हमलावरों द्वारा हथियारों से फायर करने का भी आरोप है। घटना के परिप्रेक्ष्य में कैशियर ने बताया कि ग्राम प्रधान का बेटा ज्ञानेंद्र गुरुवार को बैंक में विकास निधि-6 का खाता खुलवाने आया हुआ था। बैंक मैनेजर ने यह कहकर इंकार कर दिया कि दोनों आवेदकों ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव को बैंक में आना पड़ेगा। उनके बिना आये वह खाता नहीं खोल सकते। इसी बात को लेकर विवाद हो गया, और यहां तक कि ज्ञानेंद्र ने बैंक कर्मियों को देख लेने की धमकी तक दे डाली।

विवाद होने के बाद स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में हुआ था समझौता

उधर, प्रधान के बेटे ज्ञानेंद्र के मुताबिक गुरुवार को खाता खोलने को लेकर उनका विवाद जरूर हुआ था, लेकिन स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। उन्होंने शुक्रवार की घटना से अनभिज्ञता जताई, और कहा कि वह शुक्रवार को हरदोई जिला मुख्यालय गए हुए थे, जहां उन्होंने सीडीओ से बैंककर्मियों की कार्यशैली से अवगत कराया। इसके अलावा ज्ञानेंद्र की माने तो उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया के जोनल अधिकारी से भी शाहबाद में मिलकर उनसे बैंक कर्मियों की शिकायत की।

फिलहाल कैशियर अच्छे प्रसाद यादव ने अपनी बैंक के उच्च अधिकारियों को घटना से अवगत कराने के साथ ही अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले को लेकर पचदेवरा थाने में तहरीर दी। लेकिन जब थानाध्यक्ष से इस संबंध में बात की गई, तो उन्होंने घटना को सिरे से नकार दिया। कहा कि ऐसी कोई वारदात हुई ही नहीं, और जिस व्यक्ति पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वह कथित घटना के वक्त हरदोई में था। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई तहरीर बैंक कर्मियों द्वारा नहीं मिली।

उधर पचदेवरा पुलिस द्वारा घटना की अनदेखी किए जाने को देखकर बैंक कर्मियों ने सीओ शाहाबाद ममता कुरील से गुहार लगाई। सीओ शाहाबाद को दी तहरीर में बैंक कर्मियों ने रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। सीओ ने उन्हें कार्यवाही का भरोसा दिलाया हैं।