आरोप बेबुनियाद, डॉ कफ़ील के परिवार का जमींनी विवादों से है पुराना नाता – एमपी कमलेश पासवान
गोरखपुर। बीआरडी आक्सीजन कांड से चर्चित डा. कफील अहमद खान ने आज लखनउ में प्रेस कान्फ्रेंस कर अपने छोटे भाई काशिफ जमील पर जानलेवा हमले के लिए बासगांव के बीजेपी एमपी कमलेश पासवान, उनके बिजनेस पार्टनर सतीश नांगलिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना उनके मामा की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में अंजाम दी गई है।
इन आरोपों के बारे में भाजपा एमपी कमलेश पासवान ने शाम को पत्रकार वार्ता की और कहा कि उनके उपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि जिस जमीन का जिक्र किया जा रहा है, उससे उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। मेरी उनसे कोई दुश्मनी ही नहीं है। डा. कफील सुर्खिया बटोरने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
लखनउ के प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में डा. कफील ने कहा कि एमपी कमलेश पासवान, सतीश नांगलिया, निकहत आरा और नुमान की उनके भाई से सीधे दुश्मनी नहीं है लेकिन इन लोगों ने उनके मामा की बेशकीमती जमीन पर फरवरी महीने कब्जा करने की कोशिश की थी जिसमें एफआईआर भी हुई थी। मेरा भाई काशिफ इस मुकदमे की पैरवी, मामा और ममेरे भाई के साथ करता था, इसलिए हमले के कुछ दिन पहले उसे धमकी दी गई थी। आरोपियों ने पूर्व में मामा के बेटे पर भी गोली चलवायी थी जिसकी एफआईआर दर्ज है।
डा. कफील ने कहा कि हमले के कुछ दिन पहले कचहरी में नुमान ने काशिफ की धमकी दी थी कि इस जमीन को औने-पौने दाम में एमपी जी को बेच दो नहीं जो मारे जाओगे।
उन्होंने कहा कि उनके भाई को पूरा यकीन है कि उस पर हमला सांसद कमलेश पासवान ने कराया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हमले का दिन और घटनास्थल जानबूझ कर ऐसा चुना गया कि सरकार और मुख्यमंत्री पर उंगली उठे। घटना के दिन मुख्यमंत्री शहर में थे और घटनास्थल गोरखनाथ मंदिर से महज 500 मीटर दूर था जहां मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम कर रहे थे। डा. कफील ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और भाजपा एमएम कमलेश पासवान में बनती नहीं है।
डा. कफील ने कहा कि उनके मामा की रूस्तमपुर में 50 हजार स्कवायर फीट बेशकीमती जमीन है जिस पर भाजपा सांसद कमलेश पासवान, उनके बिजनेस पार्टनर बलदेव प्लाजा के मालिक सतीश नांगलिया ने निकहत आरा और नोमान के साथ षडयंत्र कर फरवरी महीने पर कब्जा करने का प्रयास किया था।
इस मामले में एमपी सहित नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई थी। कुछ लोगों केा गिरफतार भी किया गया था। शुरू में पुलिस काफी सक्रियता से इस मामले में कार्रवाई कर रही थी लेकिन फिर अचानक शांत होकर बैठ गई। ऐसा उपर से आए दबाव के कारण हुआ होगा।
डा. कफील ने आरोप लगाया कि भाजपा एमपी कमलेश पासवान और सतीश नांगलिया ने गोरखपुर शहर में अवैध रूप से तमाम जमीन पर कब्जा किया है और उस पर कामर्शियल भवन बनाए हैं. एमपी कमलेश पाासवान ने ये कीमती सम्पत्तियां अपने डाइवर, गार्ड और घर में काम करने वाले लोगों के नाम से की है। उन्होंने भाजपा सांसद को भूमाफिया बताते हुए की उनकी सम्पत्ति की जांच की भी मांग की।
डा. कफील ने पत्रकार वार्ता में एसपी सिटी विनय कुमार सिंह और सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह द्वारा घायल भाई के इलाज में मेडिकोलीगल के नाम पर चार घंटे देर करने का आरोप एक बार फिर दुहराया और कहा कि इन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और पुलिस एक्ट का उल्लंघन किया। इस आरोप में इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, इन्हें गोरखपुर से हटाना चाहिए और दोनों अधिकारियों को तुरन्त सस्पेंड करना चाहिए।
डा. कफील ने यह भी कहा कि उनके भाई पर जानलेवा हमले की यूपी पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। इसलिए इस घटना की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के जज से करायी जानी चाहिए। उन्होंने अपने और पूरे परिवार पर जान का खतरा बताया और कहा कि उन्होंने सुरक्षा मांगी है लेकिन उन्हें सिर्फ एक सिपाही सुरक्षा के लिए दिया गया है जिसके पास कोई शस्त्र नहीं है. यदि मेरी या मेरे परिवार के साथ कोई घटना होगी, तो इसकी जिम्मेदार यूपी सरकार होगी।
भाजपा एमपी कमलेश पासवान का आरोपों पर जवाब-विवादों से घिर है डा. कफील का परिवार
डा. कफील के आरोपों का भाजपा एमपी कमलेश पासवान ने शाम साढे पांच बजे गोरखपुर के बलदेव प्लाज में पत्रकार वार्ता कर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनका उस विवादित जमीन से कोई वास्ता नहीं है और डा. कफील व उनके परिवार से कोई दुश्मनी नहीं है. डा। कफील राजनीतिक फायदे के लिए आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डा. कफील और उनके तीनों भाई कई विवादों से घिरे हैं। समाजवादी पार्टी के शासन में इन लोगों ने एक दर्जन से अधिक जमीनों पर कब्जा किया और विरोध करने वालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए।
बीजेपी एमपी ने आरोप लगाया कि डा. कफील पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ था। उनके भाई काशिफ जमीन ने एक बार अपने पैर में गोली मारकर एक महिला सहित दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री और अपने बीच न बनने के डॉ कफ़ील के आरोपों को उनके मानसिक दिवालिएपन का सबूत बताया। पासवान ने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं।