इंसेफेलाइटिस मरीजों के इलाज में अगले दो महीने के लिए 152 दवाओं का स्टॉक रिजर्व में रखा गया है
गोरखपुर। इंसेफेलाइटिस से इस बार दो दो हाँथ करने के लिए बीआरडी तैयार है। पिछले साल के मुकाबले बेड की संख्या डेढ़ गुना के साथ साथ संसाधनों को भी दो गुना कर दिया है। नर्स और डॉक्टरों की फौज तैयार की गई है।
इंसेफेलाइटिस मरीजों के इलाज में अगले दो महीने के लिए 152 दवाओं का स्टॉक रिजर्व में रखा गया है। यह जानकारी प्रमुख सचिव चिकित्सा-शिक्षा डॉ. रजनीश दूबे ने दी। उन्होंने बीआरडी में इंसेफेलाइटिस के मरीजों के इलाज की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 154 नए बेड बालरोग विभाग में बढ़ गए। अब428 बेड का होगा बालरोग वार्ड। जिसमें 72 बेड का प्री फैब्रिकेटेड वार्ड और 79 बेड का नया पीडियाट्रिक वार्ड 11 शामिल है।
उन्होंने बताया कि बालरोग विभाग में सबसे ज्यादा मौतें नवजातों की होती है। नवजातों के इलाज के लिए पिछले साल 16 वार्मर मौजूद थे। इस साल इसे बढ़ा कर 59 कर दिया गया है। हाई डिपेंडेंसी यूनिट में बेड की संख्या छह से बढ़ा कर 37 कर दी गई है।
पिछले साल इंसेफेलाइटिस वार्ड में 113 रेग्यूलर नर्सें तैनात थी इस साल इसे बढ़ा कर 227 कर दिया गया। अधिकांश नर्सों को ट्रेनिंग कराई गई है। 24 नर्सों के अंतिम बैच की ट्रेनिंग जुलाई के मध्य में होगी। छह शिक्षक और 63 नान पीजी रेजीडेंट के नए पद सृजित हुए हैं। चार शिक्षक तैनात कर दिए गए। दूसरे मेडिकल कालेजों से 20 नए सीनियर रेजीडेंट भी तैनात किए गए हैं।
जल्द खरीदे जाएंगे 106 मॉनीटर
उन्होंने बताया कि बालरोग विभाग में सिर्फ 61 मॉनीटर मौजूद हैं। 106 नए मॉनीटरों को खरीदने का आर्डर दिया जा चुका है। 13 वेंटीलेटर और 10 सी-पैप मशीन खरीदी जा रही है। सी-पैप को वेंटीलेटर के विकल्प के तौर पर रखा गया है। यह उन मरीजों के इलाज में मददगार होगा जिन्हें सिर्फ सांस लेने में तकलीफ हो रही होगी।
दवाओं का स्टॉक भी दो महीने का एक्स्ट्रा है
उन्होंने बताया कि दवा खरीद का बजट दो गुना कर दिया गया है। डॉक्टरों ने इंसेफेलाइटिस के मरीजों के इलाज के लिए जरूरी 152 दवाओं की सूची दी। शासन ने दवाओं के दो महीने का स्टॉक खरीद लिया। इसके अलावा 335 दवाओं के खरीद का आर्डर भेजा जा रहा है।
संक्रमण रोकने के लिए रोज बदली जाएंगी चादरें
उन्होंने बताया कि बालरोग विभाग में संक्रमण से हो रही मौतों को रोकने के लिए अहम कदम उठाए गए हैं। बेड पर रोजाना अलग रंग की चादरें बिछेंगी। नवजातों के नैपीज रोजाना बदले जाएंगे। एक मरीज के साथ एक तीमारदार ही वार्ड में इंट्री करेगा। 40 नए सुरक्षा गार्ड तैनात होंगे।