सरकारी अस्पताल की जमींन को भू अभिलेख में दर्ज न होने के कारण ग्रामीणों ने बनाया CDO एव CMO को बंधक
कुशीनगर। कुशीनगर के मुख्य विकास अधिकारी एव मुख्य चिकत्सा अधिकारी को अस्पताल का निरिक्षण करना उस वक्त भारी पड गया जब ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया। ग्रामीण सपहा स्थित सरकारी अस्पताल की जमींन को भू अभिलेख में दर्ज कराने के लिए वर्षो से अधिकारियो का चक्कर काट रहे थे लेकिन जिम्मेदारो पर उनकी माग का कोई असर नहीं होने के कारण ग्रामीणों को यह कदम उठाना पड गया। CDO एव CMO के बंधक बनाये जाने की ख़बर पाकर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया गया और आनन् फानन में कसया तहसील का पूरा अमला ही अस्पताल पहुच गया और ग्रामीणों की मान मनौवल में जुट गया। करीब दो घंटे बंधक रहने के बाद ग्रामीणों की माग को 15 दिन में पूरा करने के आश्वाशन के बाद अधिकारी मुक्त हुहे जिसके बाद प्रशासनिक अमले ने चैन की साँस ली।
दरअसल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सपहा जिस चार एकड़ जमींन पर स्थापित है वह जमींन पट्टे की थी जिस पर 22 लोगो का नाम दर्ज है। 1990 में वर्तमान ग्राम प्रधान और सदस्यों द्वारा पट्टे को निरस्त कर जमींन को अस्पताल के नाम पर प्रस्ताव कर दिया जिसके बाद यहाँ अस्पताल का निर्माण हुआ लेकिन सरकारी अभिलेखों में यह जमींन आज भी उन्ही लोगो के नाम पर है और जब भी अस्पताल में कोई निर्माण कार्य होता है इन लोगो में से कोई ना कोई कोर्ट से स्टे लाकर काम रुकवा देता है। यही वजह है की अस्पताल के उच्चीकरण के लिए शासन से कई बार धन मिलने के बाद भी यहाँ काम नहीं हो पाता जबकि लगभग 25 हजार की आबादी इस अस्पताल पर निर्भर है।