गोरखपुर। नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां पर महान सूफी संत हजरत मोईनुद्दीन हसन चिश्ती अलैहिर्रहमां (ख्वाजा ग़रीब नवाज़) के 806वें उर्स-ए-पाक के मौके पर आयोजित ‘छह दिवसीय जश्न-ए-ख्वाजा ग़रीब नवाज़’ कार्यक्रम के पांचवें दिन शनिवार को मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि ख्वाजा ग़रीब नवाज़ ने हिन्दुस्तान में एक जबरदस्त रूहानी और समाजी इंकलाब को जन्म दिया। छुआ-छूत के इस भयानक माहौल में इस्लाम का नजरिया-ए-तौहीद अमली रूप में पेश किया और बताया कि यह सिर्फ एक ख्याली चीज़ नहीं है, बल्कि जिंदगी का एक ऐसा उसूल है जिसको मानने के बाद जात-पात की सब ऊंच-नीच बेमानी हो जाती है। यह एक जबरदस्त दीनी और समाजी इंकलाब का ऐलान था।

इस मौके पर हाजी कमरुद्दीन, अब्दुर्रहमान, अरमान अली, मो. शाकिब, नजमुद्दीन, अदील अहमद, महबूब आलम, शब्बीर अहमद, सैयद कबीर अहमद, कारी शराफत हुसैन, जमशेद अहमद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम का समापन आज
नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां पर महान सूफी संत हजरत मोईनुद्दीन हसन चिश्ती अलैहिर्रहमां (ख्वाजा ग़रीब नवाज़) के 806वें उर्स-ए-पाक के मौके पर आयोजित ‘छह दिवसीय जश्न-ए-ख्वाजा ग़रीब नवाज़’ कार्यक्रम का समापन आज 25 मार्च रविवार को होगा। सुबह 10:15 से बजे तकरीर का प्रोग्राम होगा। दोपहर 1:00 बजे कुल शरीफ की रस्म अदा की जायेगी। दोपहर 2:30 बजे लंगर बटेगा। यह जानकारी दरगाह मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने दी है।
अकीदत से मना हजरत सैयद रौशन अली शाह का उर्स-ए-पाक
मियां बाजार स्थित ऐतिहासिक इमामबाड़ा में सूफी दरवेश हजरत सैयद रौशन अली शाह अलैहिर्रहमां का 200वां उर्स-ए-पाक शनिवार को स्थानीय अकीदतमंदों ने अदबो एहतराम के साथ मनाया।
भोर में अकीदतमंदों ने मजार शरीफ का गुस्ल किया। इसके बाद संदलपोशी हुई। सुबह 7 बजे के करीब कुरआन ख्वानी व कुल शरीफ की रस्म अदा की गयी। सलातो-सलाम पढ़कर मुल्कों मिल्लत के लिए दुआ की गयी। शाम को अकीदतमदों ने चादरपोशी की।
इस मौके पर आबिद अली, शगीर कव्वाल, मोहम्मद तारिक नियाजी, बासित अली, निजामुद्दीन नियाजी, दानिश सिद्दीकी, शिव कुमार अग्रहरि, हसनैन, जैनुल आबदीन नियाजी, मोहम्मद हसनैन नियाजी, मोहम्मद इमरान, आसिफ आदि मौजूद रहे।