निरस्त हुए मानचित्रों की जांच पूरी, अब प्रमुख सचिव आवास को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

300 से अधिक फाइलों की जांच की। मानचित्र निरस्तीकरण में विनियमतीकरण और भू-प्रयोग का पेच सबसे बड़ी वजह सामने आई है।

गोरखपुर । जीडीए के जिम्मेदारों द्वारा मानचित्र रद्द करने को लेकर गठित टीम की जांच पूरी हो गई। तीन सदस्यीय टीम ने दो दिनों में 8 घंटे तक जांच की। इस दौरान टीम ने 300 से अधिक फाइलों की जांच की। मानचित्र निरस्तीकरण में विनियमतीकरण और भू-प्रयोग का पेच सबसे बड़ी वजह सामने आई है।

ग्राम एवं नियोजन विभाग की सीनियर टाउन प्लानर वंदना निक्कू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम बीते दिन 2 बजे जीडीए पहुंच गई। इस दौरान टीम ने निरस्त हुए मानचित्र की फाइलों की जांच की। करीब डेढ़ सौ अधिक फाइलों की सैंपल जांच में सर्वाधिक मामले विनियमतीकरण और लैंड यूज के कारण अटके हुए हैं।

टीम ने शाम 6 बजे तक फाइलों की जांच की, जिसके बाद वह लखनऊ के लिए रवाना हो गई। टीम अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव आवास को सौंपेगी। इस दौरान मुख्य अभियंता संजय कुमार सिंह, सहायक अभियंता पंकज पांडेय और अभय श्रीवास्तव ने टीम को मानचित्र से जुड़े दस्तावेजों को दिखाया।

प्रमुख सचिव आवास ने जीडीए द्वारा 60 फीसदी के अधिक मानचित्रों को निरस्त करने को गम्भीरता से लिया था। जिसके बाद उन्होंने ग्राम एवं नियोजन विभाग की सीनियर टाउन प्लानर वंदना निक्कू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया था।  दोपहर बाद टीम जीडीए पहुंच गई थी।