Crime News : लखनऊ के PGI अस्पताल की महिला डॉक्टर से साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर वसूली रकम

Crime News : लखनऊ के PGI अस्पताल की महिला डॉक्टर से साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर वसूली रकम

Crime News : लखनऊ के पीजीआई अस्पताल की न्यूरोलॉजी विभाग की डॉक्टर रुचिका टंडन से साइबर ठगों ने 2 करोड़ 81 लाख रुपये की ठगी की। ठगों ने उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ का झांसा देकर यह रकम ऐंठ ली। यूपी एसटीएफ के अनुसार, ठगी का मास्टरमाइंड पाकिस्तान से अपने गिरोह के सदस्यों को निर्देश दे रहा है। ठगों के इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है।

यह घटना तब सामने आई जब डॉक्टर ने अपने खाते से बड़ी रकम गायब होते देखी और तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। इस मामले की जांच में जुटी उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पाया कि ठगी की यह साजिश भारत के बाहर से, विशेष रूप से पाकिस्तान से हो रही है। STF का मानना है कि ठगों का गिरोह पाकिस्तान से संचालित हो रहा है और उनके पास साइबर क्राइम में माहिर लोगों की एक टीम है।

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ठगी का तरीका

इस ठगी के पीछे ठगों ने डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल किया, जिसे साइबर ठगी या ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा सकता है। अपराधियों ने महिला डॉक्टर को सरकारी अधिकारियों के नाम से फोन किया और उन पर गंभीर आरोप लगाकर डराया कि अगर उन्होंने मांगी गई रकम नहीं दी, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस डर के कारण डॉक्टर ने आरोपियों द्वारा दिए गए बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में पैसे ट्रांसफर कर दिए।

STF की जांच

STF ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की है और शुरुआती जांच में पता चला है कि यह ठगी का नेटवर्क पाकिस्तान से संचालित हो रहा है। ठगों ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया और खुद को छिपाने के लिए फर्जी पहचान और वीओआईपी कॉलिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया। STF की साइबर टीम अब इस गिरोह को पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रही है और पाकिस्तान में स्थित अपराधियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

महिला डॉक्टर की प्रतिक्रिया

महिला डॉक्टर, जो कि PGI जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से जुड़ी हुई हैं, इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि ठगों ने उन्हें इतना मानसिक दबाव में डाल दिया था कि उन्हें इस धोखाधड़ी का एहसास भी नहीं हुआ। जब उनके बैंक खाते से बड़ी राशि गायब हो गई, तब जाकर उन्हें ठगी का अहसास हुआ।

साइबर अपराध का बढ़ता खतरा

यह मामला यह दिखाता है कि साइबर अपराध किस हद तक बढ़ता जा रहा है और अपराधी किस प्रकार लोगों को फंसाने के लिए डिजिटल साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह घटना लोगों को सचेत करती है कि कभी भी अनजाने फोन कॉल्स पर विश्वास न करें और किसी भी प्रकार की वित्तीय जानकारी साझा करने से पहले सतर्क रहें।

STF ने जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑनलाइन गतिविधियों की तुरंत सूचना दें ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

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