कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा पर निकले धोंडीराम, दे रहे राष्ट्रीय एकता और बेटी बचाओ का संदेश

साइकिल से एक दिन में अमूमन 90 से 110 किलोमीटर की यात्रा करते है धोंडीराम

गोरखपुर। महाराष्ट्र के शोलापुर निवासी धोंडीराम साइकिल से भारत यात्रा पर निकले हैं। इसके जरिए वह लोगों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मानवता व सड़क सुरक्षा का संदेश रहे हैं।

रविवार को वह अपनी इस यात्रा के क्रम में गोरखपुर से महराजगंज, सोनौली नेपाल बार्डर होते हुए काठमांडू होकर जनकपुर, सीतामढ़ी होते हुए कुशीनगर की बौद्ध भूमि पर पहुंचने के लिए निकले।

मूलतः महाराष्ट्र के शोलापुर जनपद के दबलेग्राम निवासी किसान पिता की द्वितीय सन्तान 50 वर्षीय धोंडीराम पेशे से सामाजिक कार्यकर्ता व ला ग्रेजुएट व अविवाहित हैं। एक दिन में अमूमन 90 से 110 किलोमीटर की यात्रा करने वाले इस साइकिल सवार की साइकिल में ब्रेक भी नही हैं। वर्ष 2016 के 29 फरवरी को शोलापुर से साइकिल यात्रा पर निकले धोंडीराम 29 दिनों में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब होते हुए जम्मू-कश्मीर पहुंचे। वहां से वापसी के दौर में उन्होंने जम्मू, हिमांचल, पंजाब, उत्तराखंड होते हुए उत्तरप्रदेश के बरेली से पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर होते हुए गोरखपुर पहुंचे हैं।

गोरखपुर पहुंचे साइकिल यात्री शोलापुर के धोंडीराम ने बताया कि मानव जीवन हमें एक ही बार मिला है। हम सभी को इसका महत्व समझना चाहिए। सड़क हादसे हमारी जरा सी चूक के कारण होते हैं। कुछ सावधानियां अपना कर हम इसे रोक सकते हैं। इसके अतिरिक्त बेटी प्रकृति की अमूल्य धरोहर है। कई लोग इस अमूल्य निधि को क्षति पहुंचाने पर अमादा हैं।उनका कहना है कि राष्ट्रीय एकता ही सर्वोपरि है, अतः इसके लिये जो भी बन सके करना चाहिए। दो वर्षों की लगातार साइकिल यात्रा के दौरान रास्ते मे भोजन-पानी व अन्य सहयोग के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि ऐसी कोई बात नही दिखी, हर जगह लोगों ने बहुत ही आत्मीयता दिखाई।