डीएम ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य नामांकन में वृद्धि करना, छात्रों को पौष्टिक आहार प्रदान कराने से संबंधित है।
गोरखपुर । विकास भवन सभागार में मध्यान्ह भोजन योजना सहित शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पाण्डियन की अध्यक्षता में बैठक हुई।
जिसमें उपस्थित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उीएम ने कहा कि मध्यान्ह भोजन योजना भारत सरकार एंव राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। अगर किसी परिषदीय और अनुदानित इंटर कालेजों में एमडीएम नहीं बनता है तो प्रधानाध्यापक, प्रधान और उस ब्लाक के खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) पर सख्त कार्रवाई होगी।
डीएम ने बीईओ को निर्देश देते हुए कहा कि हर दिन उन्हें कम से कम 5 विद्यालयों का निरीक्षण करना है।
डीएम ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य नामांकन में वृद्धि करना, छात्रों को पौष्टिक आहार प्रदान कराने से संबंधित है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण एमडीएम के बनने से कुपोषण जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है। वहीं स्कूलों में निर्बल आय वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से उनके अंदर शिक्षा ग्रहण की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। डीएम ने कहा कि विद्यालयों में सभी जाति एंव धर्म के छात्र-छात्राओं को एक स्थान पर भोजन उपलब्ध कराकर उनके बीच सामाजिक समरसता जागृत किया जाना चाहिए।
डीएम ने कहा कि प्रधानाध्यापक बिना बीईओ की अनुमति के विद्यालय नही छोड़ेंगे। अन्यथा संबंधित प्रधानाध्यापक का वेतन रोका दिया जायेगा।
बैठक में मध्यान्ह भोजन की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि जांच के दौरान 248 विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन नही बना है। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित बीईओ को फटकार लगाते हुए कहा कि इसके प्रति लापरवाहीअक्षम्य है। यदि इसमें सुधार नही हुआ तो संबंधित बीईओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा। डीएम ने कहा कि प्रधानाध्यापक बिना बीईओ की अनुमति के विद्यालय नही छोड़ेंगे। अन्यथा संबंधित प्रधानाध्यापक का वेतन रोका दिया जायेगा।
डीएम ने बीईओ को निर्देश देते हुए कहा कि हर दिन उन्हें कम से कम 5 विद्यालयों का निरीक्षण करना है। शाम तक उसकी रिपोर्ट बीएसए कार्यालय पर देनी है। जहां से जिलाधिकारी कार्यालय को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन की तरफ से निशुल्क वितरण के लिए आई किताब एंव बैग का वितरण 15 जुलाई तक कर दिया जाय। 16 जुलाई को समस्त बीईओ इसकी रिपोर्ट कार्यालय पर प्रस्तुत करेंगे।
खाद्य सामग्री का रख रखाव बेहतर हो जिससे कि बच्चों को किसी प्रकार की बीमारी न हो।
डीएम ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालय की साफ सफाई, स्वच्छ पेयजल आदि पर विशेष ध्यान दिया जाय। बारिश के मौसम में मध्यान्ह भोजन स्थल साफ सुथरा होना चाहिए। खाद्य सामग्री का रख रखाव बेहतर हो जिससे कि बच्चों को किसी प्रकार की बीमारी न हो। उन्होंने कहा कि आइजीआरएस के मामलों का समय अंदर निस्तारित किया जाय। संबंधित अधिकारी प्रतिदिन पोर्टल खोलकर देखें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुज सिंह, बीएसए भूपेन्द्र नारायण सिंह, एमडीएम प्रभारी दिपक पटेल सहित समस्त खंड शिक्षाधिकारी मौजूद रहे।
जर्जर भवन में नहीं चलेंगे विद्यालय
बैठक में जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि जर्जर हो चुके विद्यालय भवनों में पढ़ाई नहीं होगी। बारिश के मौसम में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। जिले में जितने विद्यालयों का भवन जर्जर हो चुका है। इसकी सूचि बनाए और उन विद्यालय के बच्चों को नजदीक के किसी सरकारी भवन में शिफ्ट कराए। जिससे की पढ़ाई जारी रहे।
जिलाधिकारी ने समस्त बीईओ से कहा कि उनके बीआरसी अंतर्गत जिन विद्यालयों में जलजमाव हो रहा है। उनकी सूचि तैयार करें और वहां पर मिट्टी भरवाने की व्यवस्था करें। जिससे की बारिश होने पर बच्चों को पानी में घुसकर न जाना पड़े।