गांव के अस्पतालों में भगवान भरोसे हैं मरीज।डॉक्टर न दवा।

सिसकती स्वास्थ्य सेवाएं।

पचदेवरा,संवादसूत्र।देहात क्षेत्रों में लोगों को इलाज के लिये दर दर न भटकना पड़े इसलिए यही सोचकर सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन कराया था।लेकिन यहां तो स्वास्थ्य सेबायें ही दम तोड़ गयी।हालात ये हैं कि न तो पर्याप्त दवाएं ही मिलती हैं न तो डॉक्टर्स ।फार्मासिस्टों के सहारे पी एच सी का संचालन कराया जा रहा है और सुविधाओं के अभाव में ही मरीजों का उपचार किया जाता है।

भरखनी पीएचसी में कभी भी स्वीकृत पदों के अनुरूप स्टाफ की पद स्थापना नहीं हो सकी इस अस्पताल में फार्मासिस्ट देबेन्द्र प्रताप के अनुसार चिकित्सक सहित 10 पद सृजित हैं।लेकिन बर्तमान में 6 ही कार्यरत हैं।यँहा कोई भी डॉक्टर तैनात नही है।सबसे बड़ी बात कि यँहा कभी भी महिला चिकित्सक की तैनाती नही हुई।जिसके कारण यहां प्रसव के लिए आये मरीजो को एएनएम के सहारे रहना पड़ता है।अस्पताल में फार्मासिस्ट के अलाबा एएनएम मंजुलता,बार्ड ब्याय अभिषेक,स्वीपर अशोक हैं जो मौजूद मिले।एएनएम लाली था एल ए चरण सिंह अनुपस्थि मिले। फार्मासिस्ट ने बताया यँहा रोजाना 60 से 70 मरीज आ जाते हैं। इस अस्पताल में 30 तरह की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए लेकिन बर्तमान में 15 तरह की दवाइयां ही उपलब्ध हैं।और आउट डोर में 20 दवाएं होनी चाहिए उसमें 10 दवाएं उपलब्ध हैं।इसी लिए मरीजों को बाहर की दवा लेनी मजबूरी हो जाती है।इस अस्पताल में अधिकांश मरीज गरीब तबके के आते हैं लेकिन उन्हें कोई सुबिधा उपलब्ध नही हो पाती ।और तो और पूरे अस्पताल परिसर में ही कंडे भी पाथे जाते हैं।

यहां परवान नहीं चढ़ पा रही जननी सुरक्षा योजना

भरखनी पीएचसी में प्रसूताओं की सुबिधाओं के नाम पर कुछ भी नही है।बिजली न होने से कमरों में अंधेरा रहता है।प्रसब कछ में भी लालटेन जलाने की नौबत आ जाती है।तथा खाने तथा नास्ते आदि का कोई इंतजाम नही है।

इसके अलाबा अनंगपुर न्यू पीएचसी पर तैनात डॉक्टर नलिन मिश्रा महीने में एक दो बार आते हैं।बीएचडब्लू आदर्श द्विबेदी अनुपस्थित मिले।फार्मासिस्ट अनिल मिश्रा, बार्ड ब्याय उदय प्रताप,विजय कुमार स्वीपर,माजूद थे। यहाँ कोई भी एंटीबायटिक पैरासिटामोल तक उपलब्ध नही है।

न्यू पीएचसी बिल्सरी में फार्मासिस्ट काशीराम के अलाबा कोई कोई नही आता।

अनंगपुर पी एचसी पर पूरे परिसर में कोई शौचालय नहीं है।यँहा मौजूद कर्मचारियों सहित अस्पताल में आने बाले लोग अस्पताल के पीछे लघुसंका को जाते हैं।महिलाएं शौचालय के अभाव में इधर उधर झाड़ियों का सहारा लेती हैं।

इसके अलाबा कोई भी सुबिधा अनंगपुर में उपलब्ध नही है।