जिला अस्पताल मे स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम, मृतक को नही मिला शव वाहन

अस्पताल प्रशासन कमीशनखोरी के चलते नहीं उपलब्ध करते है एम्बुलेंस और शव वाहन

कौशाम्बी। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने का दावा भले ही कर रही हो, लेकिन कौशाम्बी जिले में हालात यह है कि यहां घायलो को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस एवं शव ले जाने के लिए शव वाहन तक नही मिल पा रहा है । जिसके चलते लोगो को महंगी कीमत देकर प्राइवेट एम्बुलेंस का सहारा लेना पड़ रहा है।

जिले के कोखराज थाना क्षेत्र के बरौला गांव के रहने वाले शिवलाल नामक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक शिवलाल की डेड बॉडी घर ले जाने के लिए जब उसके भतीजे अजय कुमार ने अस्पताल प्रशासन से शव वाहन उपलब्ध कराए जाने की मांग की तो उसे शव वाहन के खराब होने का बहाना बनाकर वापस भेज दिया गया। जिसके बाद परिजनों को मजबूरन एक हजार रुपये की कीमत अदा करके डेड बॉडी को बमुश्किल दो किलो मीटर दूर पोस्टमार्टम हाउस ले जाना पड़ा।

यह हालत तब है जब शव ले जाने के लिए सरकारी स्तर पर जिले के स्वास्थ्य विभाग को शव वाहन उपलब्ध कराया गया है, जो जिला अस्पताल में ही खड़े रहती है। जिला अस्पताल की स्थिति यह है कि यहाँ हर समय आधा दर्जन से ज्यादा प्राइवेट एम्बुलेंस मौजूद रहती है, और जिला अस्पताल के कर्मचारी सरकारी शव वाहन का उपयोग न करके लोगो को प्राइवेट एम्बुलेंस से मृतको का शव भेजवाने में लगे रहते है और इस काम मे उनको प्राइवेट एम्बुलेंस संचालको से भारी भरकम कमीशन मिलता है। जिला अस्पताल के कर्मचारी कमीशनखोरी के चलते पूरी व्यवस्था को चौपट करने में लगे हुए है और उन्हें रोकने वाला भी कोई नही है। इस बारे में जब जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दीपक सेठ से बात की गई तो उन्होंने फोन पर कर्मचारियों को सुधरने की नसीहत तो दी लेकिन पूरे मामले में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही हुए।