PM मोदी से प्रभावित होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए छात्र ने बनाया सेफ्टी बैंग एवं रिंग

वाराणसी की छात्रा सुरभि आर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर बनाया अनोखा पर्स और रिंग

वाराणसी। वाराणसी की छात्रा सुरभि आर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर चैन स्नैचिंग, पर्स स्नैचिंग एवं तमाम महिला अपराध की घटना के रोकधाम लिए एक अनोखा पर्स और रिंग का निर्माण किया है जिसे बटन प्रेश करने पर स्नेचिंग की घटना पर रोक लग सकती है।

छात्रा सुरभि आर्या ने बताया की मोदी से से प्रभावित होकर इस डिवाइस का नाम मोदी पॉवर रिंग रखा है । मोदी जी जिस तरह देश के लिए काम कर रहे देख कर मेरे मन में विचार आया की मैं भी कुछ करो इसीलिए यह डिवाइस मैंने मोदी जी के नाम पर रखा है।

छात्रा सुरभि आर्य ने बताया कि वह वोमेन सेफ्टी डिवाइस एक ऐसी डिवाइस है जिसका काम महिला सुरक्षा के लिए बनाया गया है। आज शहर में महिलाओं से बहुत सी घटनाएं हो रही है जिसमें चैन स्नेचिंग, पर्स स्नेचिंग जैसी वारदात हो रही है जिनसे लड़कियों को उन चीजों से सुरक्षा देने के लिए के विचार आया।

छात्रा सुरभि आर्या

सुरभि ने बताया कि इस पर्स में इलेक्ट्रिक सर्किट पर्स के आगे 2 मेटल लगे हैं, पर्स के हैंडल में स्वीच लगी है स्वीच को प्रेश करते ही मेंटल सर्विस चार्ज हो जाता है कैपिसिटर के द्वारा करेंट उत्पन्न होता है। किसी भी पर्सन के करेंट का शार्ट देने के लिए हम लगातार बटन प्रेश करना होगा जिससे हमें किसी को बुलाने या फोन करने का समय मिल सकें। चार्ज खत्म होने पर इसे हम दुबारा चार्ज भी कर सकते हैं।

छात्रा सुरभि ने बताया की डिवाइस इस्तेमाल से किसी को जान का खतरा ना हो इसलिए हम अपने हिसाब से वोल्ट सेट कर सकते हैं, सुरभि ने बताया की कोई नार्मल वोल्ट सेट करता है जिससे किसी को जान का खतरा न हो। हमारा मुख्य उद्देश्य है कि उस व्यक्ति को डराना जो हमें परेशान या नुकसान पहुंचाना चाहता है हमें उतना समय चाहिए कि ऐसे समय में किसी से मदद या फोन करके फोन करके बता सके उसके अंदर भय बना सकें।

छात्रा सुरभि ने बताया की मार्केट में ऐसे बहुत से डिवाइस है जो विदेशी कंपनी के बने हुए जो बनारस में उपलब्ध नहीं है ये भारत में बन सकता है हमारे जैसे सेकंड ईयर थर्ड ईयर के स्टूडेंट बना सकते है। प्रधानमंत्री जी मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे हम रोजगार को बढ़ावा दे सकते हैं। छोटे-छोटे उद्योग को बढ़ावा देकर हम ऐसी चीजें बना सकते हैं जिससे विदेशी कम्पनी के ऊपर हम निर्भर नहीं रह सकते और देश में रोजगार उत्पन्न कर सकें।