मुख्यमंत्री के शहर की समस्याओं को मात्र दस मिनट के अंदर ही निपटा दिया महापौर ने
गोरखपुर। महापौर ने बुधवार को इतिहास रच दिया मात्र 9 मिनट में शहर की समस्याओं का निपटारा कर दिया, मुख्यमंत्री के गृह जनपद में महापौर को जनता की समस्याओं के लिए समय ही नही है, सोचने वाली बात है कि क्या शहर की समस्याओं के लिए बुलाई गई निगम बोर्ड की बैठक में मात्र 9 मिनट में समस्याओं का निपटारा हो सकता है?
नगर निगम बोर्ड की बैठक सिर्फ 9 मिनट में खत्म हो गई। पहले से तय चार एजेंडा में से किसी पर चर्चा नहीं हुई। महापौर सीताराम जायसवाल ने नगर निगम परिसर में सदन भवन के निर्माण के लिए 25 करोड़ का कर्ज लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे बामुश्किल दर्जन भर पार्षदों ने मेज थपथपा कर मंजूर कर दिया। इसके तत्काल बाद महापौर ने बैठक समाप्त कर दी।
सपा पार्षदों ने औपचारिक बैठक को लेकर जताया महापौर से विरोध
बुधवार को सुबह 11:19 पर सदन की बैठक शुरू हुई। ठीक 12 बजे महापौर और निगम के अधिकारी सदन से निकल लिये। सदन भवन के लिए 25 करोड़ रुपये का कर्ज का प्रस्ताव, स्ट्रीट लाइट, जलकल में अभियंताओं के पद की स्वीकृति और नाला सफाई पर समीक्षा होनी थी। लेकिन बोर्ड बैठक में सिर्फ 8 मिनट में खत्म हो गई तो पार्षद हैरान रह गए। बैठक में न तो शहर की बुनियादी सुविधाओं और न ही विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई। सपा पार्षदों ने महापौर एवं नगर आयुक्त से बैठक के औचित्य पर सवाल उठाए, लेकिन वे जवाब दिये बिना सदन से निकल गए। बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने बैठक के औचित्य पर सवाल उठाते हुए पूछा, जब चर्चा ही नहीं करनी थी तब बैठक क्यों बुलाई गई। हांसूपुर के पार्षद संजय श्रीवास्तव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन में हमलोगों को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला। इस तरह की बैठक वक्त और पैसे की बर्बादी है। क्षेत्र में काम न होने से जनता के बीच पार्षदों की छवि खराब हो रही है। अन्य पार्षद भी बैठक के एजेंडे पर चर्चा करने की मांग करने लगे। महापौर ने सीताराम जायसवाल ने यह कहकर बैठक की समाप्ति की घोषणा कर दी कि सामुदायिक सुविधा केंद्र/सदन भवन व नगर निगम कार्यालय के प्रस्ताव की मंजूरी के लिए विशेष बैठक बुलाई गई थी। इसके बाद महापौर, नगर आयुक्त समेत सभी अधिकारी सदन से निकल गए।
सपा पार्षदों ने महापौर को घेरा
बैठक में समस्याओं पर चर्चा नहीं होने पर सपा पार्षदों ने महापौर सीताराम जायसवाल को उनके कक्ष में घेरा। पार्षद अशोक यादव, अमर नाथ यादव, अफरोज, शहाब अंसारी आदि ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है। इसके बाद भी बिना बहस के बैठक को खत्म करना शर्मनाक है।
धरी रह गई विरोध की रणनीति
बोर्ड बैठक में भाजपा, सपा के साथ अन्य पार्षद अपने-अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर पहुंचे थे। बेतियाहाता पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपये को लेकर विरोध की रणनीति तैयार की थी। वहीं राप्तीनगर पार्षद बृजेश सिंह उर्फ छोटू सिंह सफाई ठेका में हो रही मनमानी के विरोध में अपनी बात रखना चाहते थे। शाहपुर पार्षद चन्द्रशेखर सिंह सदन में संयुक्त नगर आयुक्त को प्रस्तुत करना चाहते थे। पिछले दिनों शाहपुर में अतिक्रमण अभियान के दौरान उनकी संयुक्त नगर आयुक्त से नोकझोक हो गई थी।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
- नगर निगम सामुदायिक सुविधा केन्द्र/सदन भवन एवं नगर निगम कार्यालय भवन के लिए करीब 25 करोड़ रुपये पंडित दीन दयाल उपाध्याय, नगर विकास योजना के तहत कर्ज के रूप में लेगा। जिसे 10 किस्त में वापस किया जाना है।
- नगर निगम और ईईएसएल द्वारा कराये गए सर्वे के बाद शहर के 8014 खम्भों पर एलईडी लाइट लगाये जाने का प्रस्ताव है। सदन ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस पर करीब 5 करोड़ 43 लाख रुपये खर्च होने हैं।
- जलकल विभाग में अभियन्ताओं की कमी को देखते हुए एक अधिशासी अभियन्ता, 4 सहायक अभियन्ता जल, 16 अवर अभियन्ता जल के पद के सृजन/नियुक्ति के प्रस्ताव को सदन ने स्वीकृति प्रदान की।