Indian Air Force : वायुसेना प्रमुख का ताज़ा बयान: भारत की सुरक्षा के लिए क्या मायने रखता है?

Indian Air Force : वायुसेना प्रमुख का ताज़ा बयान: भारत की सुरक्षा के लिए क्या मायने रखता है?

Indian Air Force : भारत के वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने गुरुवार को डिफ़ेंस सिस्टम की ख़रीद और डिलीवरी में हो रही देरी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस देरी से वायुसेना की युद्धक क्षमताओं पर असर पड़ सकता है।

Indian Air Force : एयर चीफ़ ने घरेलू रक्षा उद्योग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए, खासतौर पर समय पर उपकरणों की आपूर्ति को लेकर। उनका बयान ऐसे समय आया है जब भारत सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास कर रहा है। यह बयान नीति-निर्माताओं के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

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भारतीय वायुसेना लंबे समय से सैन्य हार्डवेयर की कमी और अत्याधुनिक स्टेल्थ विमानों की अनुपस्थिति से जूझ रही है। वर्तमान में उसके पास ‘पांचवीं पीढ़ी’ के लड़ाकू विमान नहीं हैं। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने इन उन्नत स्टेल्थ विमानों के घरेलू निर्माण को मंज़ूरी दी है, लेकिन उनकी तैनाती में अभी समय लगेगा। इसी पृष्ठभूमि में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा उपकरणों की खरीद और डिलीवरी में देरी पर चिंता जताई है। उनके बयान को पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल वीआर चौधरी (रिटायर्ड) का समर्थन मिला है, जिससे चिंता और भी गंभीर हो गई है।

सिरोहेडिंग: चरमपंथी हमले और जवाबी कार्रवाई के बाद बढ़ी रक्षा तैयारियों पर बहस, वायुसेना प्रमुख के बयान को मिला समर्थन

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले और सात मई को पाकिस्तान के भीतर भारत के हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। 10 मई को संघर्ष विराम होने से पहले चार दिनों तक ड्रोन, मिसाइल और भारी गोलाबारी का दौर चला। इसके बाद भारत में रक्षा तैयारियों को तेज़ करने की मांग तेज़ हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह का बयान इसी संदर्भ में है और यह भारत को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और तैनाती में तेजी लाने का संकेत देता है।

समय पर नहीं पूरी होती कोई रक्षा परियोजना, एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने दी आत्मनिर्भरता और तेज़ी लाने की सलाह

गुरुवार को दिल्ली में आयोजित कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के वार्षिक सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा उत्पादन और डिलीवरी में हो रही देरी पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “ऐसा एक भी प्रोजेक्ट नहीं है, जो समय पर पूरा हुआ हो।” उन्होंने ज़ोर दिया कि ‘मेक इन इंडिया’ के साथ अब ‘डिज़ाइन इन इंडिया’ की भी ज़रूरत है। उनका यह बयान तेजस MK1A और HTT-40 विमानों की डिलीवरी में देरी के संदर्भ में देखा जा रहा है। उन्होंने भारतीय उद्योग और सरकार से तेज़, भरोसेमंद और व्यावहारिक आत्मनिर्भरता की अपील की।

साल 2025 में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य ताक़त, पाकिस्तान 12वें स्थान पर

साल 2025 में वैश्विक सैन्य ताक़त की रैंकिंग में भारत चौथे स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें नंबर पर है। भारत के पास लगभग 22 लाख सैन्यकर्मी, 4,201 टैंक और डेढ़ लाख से अधिक बख़्तरबंद वाहन हैं। आर्टिलरी सिस्टम में 3,975 टो की गई और 264 मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के पास 2,229 विमान हैं, जिनमें 513 लड़ाकू और 270 ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हैं। नौसेना के पास 293 जहाज और 1.42 लाख नौसैनिक हैं। लॉजिस्टिक्स में भारत की पकड़ मज़बूत है, जिसके पास 311 एयरपोर्ट, 56 पोर्ट और व्यापक सड़क-रेल नेटवर्क है।

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