डीआईओएस के निरीक्षण के दौरान खेलते मिले बच्चे, अनुपस्थित मिले प्रधानाचार्य
गोरखपुर। गोरखपुर जिले के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कालेजों का हाल बुरा है। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किए गए निरीक्षण में यह बात सामने आई। डीआईओएस के निरीक्षण के दौरान कहीं विद्यालयों में नामांकन की गति काफी धीमी मिली तो कहीं बच्चे खेलते मिले। एक कालेज के प्रधानाचार्य का डीआईओएस ने वेतन ही रोक दिया।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कालेजों में पढ़ाई का हाल जानने निकले जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया जमीनी हकीकत जानकर दंग रह गए। एक विद्यालय में किसी भी बच्चे का प्रवेश नहीं लिया गया था और पढ़ाई भी नहीं हो रही थी। प्रधानाचार्य अनुपस्थित मिले। विद्यालय में शैक्षिक वातावरण न होने के कारण प्रधानाचार्य का मई महीने का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
दोपहर करीब 12:45 बजे डीआइओएस ने इंटरमीडिएट कालेज गजपुर का निरीक्षण किया। प्रधानाचार्य रमाकांत कुशवाह अनुपस्थित थे। एक शिक्षक कमलेश शरण त्रिपाठी 29 अप्रैल से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित मिले। कक्षाएं नहीं चल रही थीं। उपस्थित अध्यापकों से छात्रों की उपस्थिति व प्रवेश की जानकारी मांगने पर पता चला कि अभी तक वहां कोई प्रवेश नहीं हुआ है। किसी भी कक्षा में उपस्थिति नहीं ली जा रही है।
डीआइओएस ने प्रधानाचार्य के अनुपस्थित रहने, शैक्षिक वातावरण न होने एवं विद्यालय में प्रशासनिक नियंत्रण न होने के कारण उनका मई महीने का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया। सात दिन के भीतर प्रबंधक के माध्यम से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
प्रिंसिपल ने रिपोर्ट पर सवाल उठाया
लेडी प्रसन्न कौर बसडीला के प्रिंसिपल डा. अरविंद कुमार सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किए गए औचक निरीक्षण और तैयार की गई रिपोर्ट पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डीआईओएस के निरीक्षण के दौरान सभी शिक्षक उपस्थित थे। उन्होंने उपस्थिति पंजिका में सभी के सामने निशान भी लगाया। बच्चों की उपस्थिति देखकर उन्होंने खुशी भी जाहिर की लेकिन रिपोर्ट जो दी गई वह उलट है। डा. सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में उनके कालेज की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है।