निःशुल्क इलाज़ के नाम पर जनता से लूट, अल्ट्रासाउंड कराने आई गर्भवती महिला से वसूला 100 रूपये

यूपी के सरकारी अस्पतालों में जनता को निःशुल्क इलाज़ के नाम पर किस तरह लूटा जा रहा है ये देखने को मिला बलिया जनपद के महिला चिकित्सालय में जहा अल्ट्रासाउंड कराने आई गर्भवती महिलाओं से 100 रूपये तक वसूला जा रहा है।

रिपोर्ट @ राणा प्रताप सिंह –

बलिया,यूपी। क्या यूपी के सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज़ हो रहा है?
क्या मरीजों के दर्द की कीमत वसूल रहे है डाक्टर?
क्या सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों की जांच के नाम पर लूट मची है ?
ये सवाल इस लिए जरूरी है क्योंकि सरकार का दावा है की सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज़ होता है। पर बलिया जनपद के जिला महिला चिकित्सालय के अल्टासाउंड सेंटर में जो मरीज़ चला जाता है, वहा मौजूद डाक्टर और उनके स्टाफ के लिए वो किसी सोने की मुर्गी से कम नहीं। मीडिया ने जब अल्ट्रा साउंड कराकर निकली कुछ गर्भवती महिलाओं से बातचीत की तो उन्होंने खुलासा किया की अन्दर बैठा डाक्टर हर मरीज़ से 100 रूपये वसूल रहा है।

ज़रा सोचिये की दूर दराज़ से जब गर्भवती महिलाये इलाज़ के लिए जिला महिला चिकित्सालय पहुँचती होंगी तो उन्हें लगता होगा की सरकार मुफ्त में ही उनका इलाज़ करेगी पर जब खून की जांच से लेकर अल्ट्रासाउंड करने के नाम पर उन्हें लूटा जाता होगा तो बेबस और गरीब महिलाओं पर क्या गुजरती होगी। गर्भवती महिलाओं की शिकायत पर जब अल्ट्रासाउंड के रेडियोलॉजिस्ट संजय सिंह से पूछा गया की आप महिलाओं से 100 रूपये क्यों लेते है तो डाक्टर साहब ने बड़ी बेशर्मियत से जबाब दिया की “अस्पताल की हर दीवार पर लिखा है की पैसा लेना अपराध है” पर वो खुद मरीजों को क्यों लूट रहे है इसका जबाब नहीं दे पाए।

जिला महिला चिकित्सालय के अल्ट्रासाउंड में महिलाओं से अवैध वसूली के बाबत जब डा संजय सिंह ये दावा कर रहे थे की मैंने पैसा लिया है कोई गवाह है क्या तभी एक तीमारदार ने आवाज लगाईं की हां मै हूँ गवाह। ये हालत है उस सिस्टम की जहा सब कुछ पुब्लिक के लिए सरकार से लेकर नेता और अस्पताल से लेकर डाक्टर तक, पर भोली जनता को क्या पता वो तो अवैध रूप से लिए गए 100 रूपये की रसीद तक मांगने चली जाती है।

क्या मरीजों की तकलीफे और उनका दर्द महज़ महज कमाई का ज़रिया है प्राइवेट अस्पताओं में तो शोषण की खुली छूट है बचा सरकारी अस्पताल तो वहा भी गिद्ध की तरह बैठे लोग मरीज़ों को नोचने में लगे है। ऐसे में सवाल उठता है की आखिरकार मरीज जाए तो कहा जाए। डा संजय सिंह का दावा है की वो प्रतिदिन 40 से भी ज्यादा अल्ट्रसाउंड करते है यानी एक मरीज से सौ रुपया तो प्रतिदिन चार हज़ार और एक महीने के एक लाख बीस हज़ार की अवैध कमाई।

क्या ये योगी राज के रामराज में खुली लूट है जहा जितना लूटना चाहों उतना लूटो ना कोई रोकने वाला ना कोई टोकने वाला। बेहाल मरीज़ों की बेबसी अपनी बला से, महज़ एक महीने पहले ही देश के स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बलिया आये थे और उन्होंने दावा किया था की बलिया जिला चिकित्सालय को दिल्ली के मैक्स अस्पताल से भी बढ़िया बनाएंगे।
पर सवाल उठता है यूपी के सरकारी अस्पताल सुधरेंगे कैसे जब मरीज़ों से मची लूट के बाबत बलिया के सीएमओ से पूछा गया तो उलटा उन्हने मरीजों पर ही सवाल खड़ा कर दिया की जब सब कुछ निःशुल्क है तो सौ रुपया देते ही क्यों है।