पीलीभीत में एमआर फर्जी सरकारी डॉक्टर बनकर दे रहा मरीजो को दवाईया, हो रहा लोगो की जिन्दगी से खिलवाड़
पीलीभीत। सूबे की योगी सरकार भले ही चिकित्सा क्षेत्र में आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं व सेवाएं देने की कोशिश में लगी है परंतु पीलीभीत शहर के स्वास्थ्य विभाग सरकार की कोशिश में पलीता लगाने का काम कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते पीलीभीत जिले के नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के कुष्ठ रोग विभाग में वर्षों से एक फर्जी डॉक्टर प्रशासन व विभाग की आंखों में धूल झोंककर सरकारी डॉक्टर की हैसियत से मरीजों को अपनी सेवाएं दे उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा था। उस फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को कोई जानकारी तक नहीं। आखिर स्वास्थ्य विभाग में इतनी बड़ी चूक कैसे और क्यों हो गई व इस बड़ी लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है व किस की जवाबदेही बनती है।
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ताजा मामला पीलीभीत शहर में कोतवाली क्षेत्र के कुष्ठ रोग विभाग का है जहां पर एक एम.आर. सरकार द्वारा नियुक्त कुष्ठ रोग विशेषज्ञ की हैसियत से वर्षों से मरीजों को अपनी सेवाएं देता आ रहा था कुष्ठ रोगियों को देखने के निर्धारित दिन बुधवार व शुक्रवार नियमित रूप से मरीजों की लाइन लग जाती थी और यह फर्जी कुष्ठ रोग विशेषज्ञ मरीजों को सरकारी पर्चे पर दवा लिख दिया करता था और मरीजों को उसी पर्चे से परिसर में स्थित दवा स्टोर से दवाई दी जाती थी। इस तरह फर्जी डॉक्टर का कुष्ठ रोग विभाग में चयनित दिन मैं मरीजों को देखना स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत साफ तौर पर उजागर करती है व स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से इसके लिए जिम्मेदार है।
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वहीं नगर मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी ने दी गयी जानकारी में बताया गोपनीय सूचना के आधार पर की गई कार्यवाही में नगरीय स्वास्थ्य विभाग के कुष्ठ रोग विभाग में एक एमआर सरकारी डॉक्टर की हैसियत से कुष्ठ रोगियों को चिकित्सीय सेवाएँ देते हुए पाया गया। जिसे पर FIR कर कार्यवाही की गई है और कहा कि अगर विभागीय मिलीभगत की बात आती है तो डीएम स्तर पर उस पर भी कार्यवाही की जाएगी।