दरूदो-सलाम के बीच बयां हुई मेराज शरीफ की दास्तां

तिवारीपुर में ‘जश्न-ए-मेराजुन्नबी’ जलसा

गोरखपुर। कन्नौज़ के मुफ्ती जैनुल आबेदीन ने कहा कि अल्लाह ने दुनिया में कमोबेश सवा लाख पैगम्बरों को भेजा, लेकिन मेराज शरीफ में सिर्फ हमारे आखिरी नबी-ए-पाक हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम की ही अल्लाह से मुलाकात हुई। नबी-ए-पाक ने अल्लाह का दीदार किया। तोहफे में नमाज मिली। पचास वक्त की नमाजें अता हुई। लेकिन बाद में अल्लाह ने अपने करम से पांच वक्त की नमाज फर्ज की और यह वादा किया कि जो कोई मुसलमान पांच वक्त की नमाज पढ़ेगा उसे पचास वक्त की नमाज का सवाब अता किया जायेगा।

यह बातें उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि शुक्रवार को ख़ादिम हुसैन मस्जिद कमेटी की जानिब से तिवारीपुर मैदान पर आयोजित ‘जश्न-ए-मेराजुन्नबी’ जलसे’ में कहीं

उन्होंने कहा कि मेराज शरीफ में नबी-ए-पाक को सातों आसमानों की सैर कराई गई। जन्नत और दोजख दिखाई गई। मस्जिदें अक्सा में नबी-ए-पाक ने पैगम्बरों व फरिश्तों की इमामत की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सुन्नत पर अमल करते हुए एकजुट होकर रहना चाहिए। एक दूसरे से लड़ना नहीं चाहिए। आपस में किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए। मुसलमान जो भी काम करें सबसे पहले बिस्मिल्लाह पढ़ें। इससे उनके काम में बरकत आएगी।
विशिष्ट अतिथि मेंहदावल के मुफ्ती मो. अलाउद्दीन मिस्बाही ने कहा कि मुसलमान कुरआन व हदीस की तालीम के मुताबिक जिंदगी गुजारें। तालीम पर मुसलमान खास ध्यान दें। तालीम के बगैर कोई भी इंसान व कौम तरक्की नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि बेटियों को बरकत वाला समझना चाहिए। बेटियों की पैदाइश पर खुशी जाहिर करने की जरूरत है। महिलाओं का सम्मान कीजिए। शादी शरीयत के मिजाज से करें। फिजूल खर्ची बिल्कुल न करें। लड़कियों के मां-बाप के लिए रहमत बनें जहमत न बनें। वालिदैन की फरमाबरदारी कर उन्हें राजी कीजिए।
विशिष्ट अतिथि कन्नौज़ के मौलाना आफ़ाक आलम ने कहा कि मुसलमान अगर तरक्की चाहते हैं तो नमाज को कायम करें। अल्लाह और रसूल की तालीमात पर मुकम्मल बेदारी के साथ अमल करें।अल्लाह और रसूल के जिक्र से दिलों को रौशन करें। शरीयत की खिलाफ कोई काम ना कीजिए। मुसलमानों को चाहिए की रसूल-ए-पाक की सुन्नतों को अमली तौर पर जिंदगी में अपनायें। मुसलमान सामाजिक कुरीतियों से दूर रहें। बुराईयों के कारण एक मुसलमान पर ही नहीं बल्कि पूरी कौम पर खराब असर पड़ता है।

उन्नाव व कठुआ गैंग रेप कांड की निंदा, इंसाफ की मांगी दुअा

कार्यक्रम का आगाज तिलावते कुरआन से हुआ। जलसे में नारा-ए-तकबीर और नारा-ए-रिसालत की सदा गूंजती रही। महबूब रज़ा ने नबी-ए-पाक की शान में कलाम पेश किया। इसके बाद सलातों सलाम पढ़कर मुल्क व कौमों मिल्लत के लिए दुआ मांगी गयी। खास तौर से उन्नाव व कठुआ में हुए गैंप रेप कांड की निंदा करते हुए पीड़ितों को इंसाफ मिले इस वास्ते दुआ की गई।
खादिम हुसैन मस्जिद के इमाम हाफिज मो. अफजल बरकाती ने अध्यक्षता व संचालन दोनों काम बाखूबी अंजाम दिया। इस मौके पर कारी अनीस अहमद, शाहिद, अशरफ हुसैन, हाजी खुर्शीद आलम, मंजूर आलम, पप्पू, अली, मो. इदरीस, मो. सलीम, मासूम अली, मो. रईस, मो. मुनीर, अमजद, नसीर , सनाउल्लाह, मोईनुद्दीन, मेराज, निजामुद्दीन अहमद, नासिर हुसैन, अतहर, अख्तर, अब्दुल राजिक, अब्दुल साजिद, फराज अहमद, हाफिज नजरे आलम, कारी बदरे आलम, एजाज, कारी आबिद अली तमाम लोग मौजूद रहें।