NPA धारक किसानों का भी एक लाख रुपये तक का ऋण माफ किया जाना है
गोरखपुर। गोरखपुर जनपद में जिला सहकारी बैंकों एवं अन्य बैंकों के एनपीए धारक किसानों का भी एक लाख रुपये तक का ऋण माफ किया जाना है लेकिन इस योजना का लाभ सिर्फ 2361 किसान ही उठा पाए हैं। इन किसानों के 1.42 करोड़ रुपये के कर्जे माफ किए गए हैं। हालांकि शासन ने जनपद में 25815 लघु एवं सीमांत किसानों के 21.42 करोड़ रुपये माफ किए जाने का बजट उलपब्ध कराया है, लेकिन उदासीनता का आलम यह है कि 13760 किसानों ने अब तक अपने बैंक खाते को आधार कार्ड से लिंक ही नहीं किया है।
समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के बाद जिलाधिकारी विजयेन्द्र पाण्डियन ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने किसानों से अपील किया है कि 15 मई तक अपने एनपीए खातों को आधार से लिंक कराएं। ताकि ऋणमाफी की योजना का लाभ प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ कृषकों के खाते एवं आधार कार्ड में अंकित नाम में भिन्नता होने के कारण भी इनका ऋण मोचन नहीं हो पा रहा है। लिहाजा आधार की प्रवष्टि एवं नाम में भिन्नता को दूर करने की कार्यवाही सभी संबंधित बैंक शाखाओं में कराई जा रही है। किसान तत्काल अपने बैंक शाखा से सम्पर्क करें।
यहां मिलेंगी बिना आधार वाले किसानों की सूची
बिना आधार वाले खाता धारको को सूची सभी बैंक शाखाओं, जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, संबंधित तहसीलों, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी के कार्यालयों, जिला कृषि अधिकारी और उप कृषि निदेशक के कार्यालय में उपलब्ध है। तहसील व कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी भी संबंधित कृषकों को सूचना प्रदान दे रहे हैं।
8713 किसानों का प्रस्ताव, माफी सिर्फ 3261 को
योजना के प्रथम चरण में 8553 किसानों के लिए 4.59 करोड़ रुपये का कर्ज माफी प्रस्ताव शासन को भेजा था लेकिन 3261 किसानों के 1.42 करोड़ रुपये ही माफ हो सके। 2 हेक्टेयर की जोत वाले किसानों के 01 लाख रुपये तक का ऋण माफ होना है लेकिन सिर्फ 12 हजार 55 किसानों ने ही अपने खाते को आधार से लिंक कराया है।
इसलिए नहीं मिल पा रहा किसानों को लाभ
कृषि विभाग के मुताबिक किसान की सुविधा के लिए सारी प्रक्रिया आनलाइन की जा रही है। लेकिन चयनीत 25815 किसानों में 13759 किसानों का खाता आधार से लिंक ही नहीं है। 615 किसानों का नाम भूलेख से मैच नहीं तो 57 किसानों की जमीन दूसरे जनपद में है। 183 किसानों की जमीन कृषि भूमि नहीं है। 655 किसानों की जमीन पर चकबंदी और सर्वेक्षण की प्रक्रिया जारी है। 4830 किसानों का भूलेख रिकार्ड, 174 किसानों ने खतौनी एवं पट्टा, और 5822 किसानों का गाटा नहीं मिल रहा है। इसके अलावा 543 किसानों के गांव का नाम नहीं मिल रहा। 545 किसानों को आधार गाटा डूप्लीकेट है।