वर्दी की आवारा-गर्दी, महिला पत्रकार से पुलिसकर्मी ने महीनो किया रेप

मल्हीपुर थाने में तैनात आरक्षी रंजीत कुमार यादव ने एक महिला पत्रकार को शादी का झांसा देकर कई महीनों तक किया दुष्कर्म, मुकदमा दर्ज

श्रावस्ती। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा के लाख दावे कर रही हो लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो महिलाओ की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है। बता दें यूपी के श्रावस्ती में लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ कहे जाने वाली एक महिला पत्रकार ने पुलिस पर ही शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया है। महिला पत्रकार ने मल्हीपुर थाने में तैनात सिपाही रंजीत कुमार यादव के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है।

वहीं महिला ने नम आँखों से रो रो कर अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि “कुछ कुछ माह पहले हमारा प्यार फेसबुक से शुरू हुआ था और शादी के वायदे तक पहुँच गया था वहीं पुलिसकर्मी ने शादी का झांसा देकर अपने पास बुलाया था और श्रावस्ती के मल्हीपुर में किराये पर कमरा लेकर मुझे बतौर पत्नी के तौर पर रखने लगा। वहीँ कई महीनों तक शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करता रहा जब मै शादी की बात करने लगी तो ओ मुझे प्रताड़ित करने लगा और रात दिन मरता और पीटता था जिससे मुझे गंभीर चोटें आई”
ये दास्ताँ बताते हुए उसके आँखों से आंसू छलकने लगा जो अपने आप में खुद ही एक दर्द बयां कर रहे थे।

महिला पत्रकार ने मीडिया से बात करते हुए अपने दिल का दर्द बयां करते हुए बताया कि मल्हीपुर थाने में तैनात आरक्षी रंजीत कुमार यादव ने उसे शादी का झांसा देकर कई महीनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया और शादी के लिए कहने पर अब वे मना कर रहे हैं। महिला की तहरीर पर मल्हीपुर थाने में आरोपी पुलिसकर्मी के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

वहीं SP ने बताया कि महिला पत्रकार ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

अब वहीं बड़ा सवाल योगी की मित्र पुलिस पर है जिन पुलिस के कंधों पर महिलाओं की रक्षा-सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है?
जब वही पुलिस महिलाओ का शोषण करेगी तो आखिर जनता किसपर भरोसा करेगी?
वहीं बड़ा सवाल यह भी उठता है कि जिन पुलिसकर्मियों पर एंटीरोमियो दल बना कर महिलाओ की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है अगर वही पुलिसकर्मी पर उन महिलाओं का शोषण करने का आरोप लगेगा तो फिर महिलाएं किसके भरोसे अपने आप को सुरक्षित महसूस करें?
सवाल तो लाजमी है!
लेकिन इसका जबाब आखिर कौन देगा?