माफिया प्रदीप सिंह पर पुलिस की नजर टेढ़ी, गैंगेस्टर एक्ट में जब्त होगी संपत्ति

पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर माफिया प्रदीप सिंह की सम्पत्ति गैंगेस्टर एक्ट में जब्त करने की शुरू की तैयारी

गोरखपुर। सहजनवा थाने के हिस्ट्रीशीटर और माफिया प्रदीप सिंह की सम्पत्ति गैंगेस्टर एक्ट में पुलिस ने जब्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। एसएसपी शलभ माथुर ने सीओ कोतवाली को इसका निर्देश दे दिया है। इसके साथ उसे जिला बदर करने की भी तैयारी चल रही है। पुलिस ने इसके लिए डीएम को रिपोर्ट भेज दी है। माफिया प्रदीप सिंह द्वारा मुकदमे में युवक को धमकी देने के बाद पुलिस उसके खिलाफ सख्त हो गई है।

तिवारीपुर निवासी फैज अहमद का पड़ोसी से लंबे समय से भूमि संबंधी विवाद चल रहा है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। फैज अहमद के विपक्षी विभिन्न माध्यमों से उन पर मुकदमे में समझौता करने का दबाव बनाते रहे हैं। एक सप्ताह पहले माफिया प्रदीप सिंह ने उनको स्टेशन रोड के एक होटल में बुलाकर मुकदमे में समझौता करने के लिए धमकाया था। सोमवार को सुबह प्रदीप सिंह ने फैज अहमद को फोन किया और दस बजे तक कचहरी पहुंचकर मुकदमे में समझौता करने को कहा। ऐसा न करने पर उसने अंजाम भुगतने की धमकी दी। फैज अहमद को धमकी दिए जाने तथा उसके इतिहास की जानकारी होने के बाद एसएसपी से शिकायत की। इसपर एसएसपी ने सीओ कोतवाली को उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। उधर, पुलिस ने धमकी देने के मामले में उसपर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

प्रदीप सिंह पर दर्ज है 4 दर्जन से अधिक मुकदमे

सहजनवां क्षेत्र के मल्हीपुर निवासी प्रदीप सिंह के खिलाफ विभिन्न थानों में 49 मुकदमे दर्ज थे। धमकी देने के मामले में एक और मुकदमा दर्ज होने से उसकी संख्या 50 तक पहुंच गई है। छह माह पहले कोतवाली क्षेत्र में एक भूमि पर कब्जा करने की कोशिश के दौरान उसने गोली चलाकर सनसनी फैला दी थी। इसके बाद नवंबर 2017 में पुलिस ने उसे दारोगा से लूटी गई सरकारी रिवाल्वर के साथ गिरफ्तार किया था। जमानत पर छूटकर आने के बाद वह फिर से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया है।

ब्लाक प्रमुख की हत्या के बाद सुर्खियों में आया था प्रदीप

प्रदीप सिंह वर्ष 1996 में पिपरौली के तत्कालीन ब्लाक प्रमुख सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद सुर्खियों में आया था। जिला परिषद कार्यालय के गेट पर दिनदहाड़े हत्या करने के बाद बदमाश उनके गनर का स्टेनगन लूटकर फरार हो गया था। उस समय के कुख्यात बदमाश परवेज टांडा के साथ मिलकर प्रदीप सिंह ने इस घटना को अंजाम दिया था। बाद में परवेज टांडा ने नेपाल में अपना ठिकाना बना लिया था। नेपाल में ही उसकी हत्या हो गई थी।