रमजान का महीना पैगम्बर मोहम्मद के उपदेशों एवं संदेशों को याद करने का समय है – PM मोदी
नई दिल्ली। श्रीनगर में एक समारोह में जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले चार वर्षों के दौरान उन विभिन्न अवसरों का स्मरण किया जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य का दौरा किया था।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रमजान का महीना पैगम्बर मोहम्मद के उपदेशों एवं संदेशों को याद करने का समय है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि 330 मेगावाट की किशनगंगा पनबिजली परियोजना राज्य की बिजली आवश्यकताओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- उन्होंने राज्य के तीनों क्षेत्रों- कश्मीर, जम्मू एवं लद्दाख के संतुलित विकास की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू एवं कश्मीर में किशनगंगा पनबिजली परियोजना का उद्घाटन किया एवं पाकल दुल बिजली परियोजना का शिलान्यास किया। 1000 मेगावाट क्षमता के साथ पाकल दुल पूरे होने पर जम्मू एवं कश्मीर की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना होगी। यह जम्मू एवं कश्मीर में पहली भंडारण परियोजना भी है।
किशनगंगा पनबिजली परियोजना राज्य को 13 प्रतिशत की नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराएगी जो लगभग 133 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के बराबर होगी। इस परियोजना से राज्य को अन्य लाभ भी होंगे जैसे जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को रोजगार मिलेगा, राज्य में बुनियादी ढांचे का विकास होगा आदि। ऐसा अनुमान है कि निर्माण चरण के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के माध्यम से इस परियोजना में 1850 स्थानीय व्यक्ति शामिल होंगे तथा परिचालन चरण के दौरान 750 स्थानीय व्यक्ति इससे जुड़ेंगे।
जम्मू–कश्मीर सरकार एवं भारत सरकार के बिजली मंत्रालय के बीच जुलाई 2000 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा निष्पादन के लिए इस परियोजना को एनएचपीसी को सुपुर्द कर दिया गया था।
आर्थिक मामलों पर मंत्रिस्तरीय समिति की मंजूरी के अनुसार पाकल दुल की परियोजना लागत 8112.12 करोड़ रुपये है तथा यह भारत सरकार एवं जम्मू-कश्मीर सरकार दोनों से समर्थित है। इसके कार्यान्वयन की समय सीमा परियोजना के आरंभ होने से 66 महीनों की है। इससे डाउन स्ट्रीम परियोजनाओं में 650 एमयू का अतिरिक्त सृजन होगा क्योंकि यह भंडारण प्रकार की परियोजना है और खाली मौसम में जल उपलब्धता में भी सुधार लाएगी।
पाकल दुल परियोजना से जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को काफी लाभ पहुंचेगा। निर्माण चरण के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के माध्यम से इस परियोजना से लगभग 3000 व्यक्तियों तथा परिचालन चरण के दौरान 500 व्यक्तियों को इससे रोजगार मिलेगा।