गोरखपुर। निशा के आवाहन पर प्राइवेट स्कुलो के मालिकानो ने खोला मोर्चा, सरकार से अपनी मांग को मनवाने के लिए निशा का एलान, एक दिन के लिए किया बंदी का एलान, बात गोरखपुर की करे, तो गोरखपुर में भी इस बंदी का काफी असर देखने को मिला, गोरखपुर में तमाम प्राइवेट स्कुलो ने आज बंदी कर दिया |
आज गोरखपुर जनपद के अधिकतर निजी स्कूल आज बंद रहे, स्कूल एसोसिएशन गोरखपुर के अध्यक्ष एवं आरपीएम एकेडमी के निदेशक अजय शाही की माने तो, हमारी बंदी सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि छात्रों के हित में है। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों की मांग है, कि इंटर स्तर पर जो सेलेबस हो, उसी से इंजीनियरिंग, मेडिकल या अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र भी बने, इससे अभिभावकों को कोचिंग संस्थाओं में पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। सरकार दिल्ली में प्रतिमाह प्रति बच्चा करीब सात हजार रुपया, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में तीन से पांच हजार रुपए खर्च करती है। हमारी मांग है, कि हर बच्चे को ढाई हजार रुपए का कूपन दे दिया जाए, पैसा उनके खाते में डाल दिया जाए, जिससे वह किसी भी विद्यालय में पढ़ने को स्वतंत्र हो, इससे सरकारी पैसे की भी बचत होगी | साथ ही, अजय शाही ने कहा कि हमारी तीसरी मांग है, कि निजी विद्यालय के प्रबंधन को सम्मान से जीने दिया जाए, यदि कोई छोटी सी घटना होती है, तो प्रबंधक तक को प्रताड़ित किया जाता है, इसे बंद किया जाना चाहिए |
गोरखपुर हो या तमाम जनपद के स्कुल हो सभी ने आज अपने स्कुलो को बंद कर निशा के आवाहन का समर्थन किया है, अब आज के बंदी से सरकार के जगह पर इसका कितना असर पड़ता है, ये तो हम नहीं कह सकते, लेकिन इस एक दिन के बंदी से ये प्राइवेट स्कुलो ने सरकार को ये अहसास जरुर करा दिया है, कि वो भी जरूरत पड़ने पर सडक पर उतर सकते है |