बेसिक शिक्षा मंत्री के रात्रि प्रवास के दौरान फूट फूट कर रोया 6 साल का मासूम बच्चा, देखिये वीडियो में क्या हुआ था उस बच्चे को

बेसिक शिक्षा मंत्री के रात्रि प्रवास के दौरान संवेदनहीन हुई व्यवस्था

बहराइच। रात्रि प्रवास के साथ समरसता दलित भोज को लेकर समूचे उत्तर प्रदेश से तरह तरह की बातें उभर कर सामने आने लगीं हैं बल्कि दलित भोज पर अब बीजेपी में भी अंदरूनी बगावती बयानबाजी सुरु हो चुकी है। रात्रि प्रवास के दौरान कोई होटल से खाना मंगाकर खा रहा है तो कोई नए बर्तन के साथ बिसलेरी पानी का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन इन सब तरीकों से हटकर हम जो आज आपको दिखाने जा रहे हैं उसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे बल्कि भाजपा की ऐसी व्यवस्था को देख आपका भी मन विरोध से भर उठेगा।

कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ दिखने के लिए बुलवाया स्कूली बच्चो को

जनपद बहराइच में बेसिक शिक्षा मंत्री की रात्रि प्रवास के दौरान कार्यक्रम में भीड़ ज्यादा दिखे इसके लिए स्थानीय अधिकारियों ने घण्टों पूर्व स्कूली बच्चों को ही बुलवा लिया। टीचर के आदेश पर स्कूल पहुँचे बच्चे भूखे प्यासे घण्टों कार्यक्रम में भीड़ का हिस्सा बने रहे लेकिन उन्हें कोई पानी तक नही पूछा गया। रात 8 बजे तक जब मंत्री जी नही पहुचीं तो भूख प्यास से बैठे बच्चों का सब्र का बांध टूट पड़ा और वो घनघोर अंधेरे में घर जाने को विवश हो गए। ऐसा तब है जब यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से बालिकाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। बालिका अपने भाई को रोते देख उसे घर ले जाने के लिए रात के अंधेरे में निकल पड़ी। कार्यक्रम स्थल से 500 मीटर की दूरी पर अंधेरे में बच्ची भूख प्यास से रोते बिलखते अपने भाई को घर ले जाते दिखी तो मीडिया कर्मियों ने रोक कर जब बच्चों से रोने बिलखने और अंधेरे में सुनसान रास्ते पर जाने का कारण पूछा तो माजरा साफ हुआ कि मंत्री जी के कार्यक्रम के लिए आयोजकों द्वारा बच्चों को तो बुलवा लिया गया लेकिन ये कतई ख्याल नही रखा गया कि जिस तरह अंधेरे का फायदा उठाकर बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं ऐसे में कोई अप्रिय घटना हो जाती तो जिम्मेदार कौन होता?

कार्यक्रम में बच्चो के खाने पीने की नहीं की गई व्यस्था

इस घनघोर अंधेरे में ये 6 से 7 साल की बच्ची नंगे पैर स्कूली ड्रेस पहने भूख से रोते बिलखते अपने भाई को मजबूरन घर लेकर जा रही है भाई भी नंगे पैर है इन बच्चों का कहना है कि मैडम जी दिन के 12 बजे ही स्कूल में कार्यक्रम के लिए बुला ली हैं लेकिन इन बच्चों को खाने पीने के लिए कुछ भी नही दिया गया है। क्या यही भाजपा की नीति है? ऊपर दी गई वीडियो में भी आप गौर से देखें तो आपको ज्यादातर स्कूली बच्चे ही नजर आएंगे, इसका खास वजह ये भी है कि दलित का भाजपा से मोह भंग होने लगा है लिहाजा अब दलित बहुत कम संख्या में ऐसे कार्यक्रमो में पहुँच रहे हैं लेकिन अधिकारियों को तो अपने नेता जी को खुश रखना है इसके लिए सभी नियमों को ताक पर रखकर अतिसंवेदनहींन कदम उठाए जा रहे हैं। चितौरा ब्लाक के इटौंजा ग्रामसभा के प्राथमिक विद्यालय में बेसिक शिक्षा मंत्री का रात्रि प्रवास का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

रात्रि प्रवास के दौरान अनुपमा जायसवाल से जब ये पूछा गया कि भीड़ बढ़ाने के लिए स्कूली बच्चों का इस्तेमाल किया गया है और अंधेरी रात में बच्चे अकेले घर जाने को मजबूर हैं तो वो असहज दिखाई पड़ीं और अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि आखिर इस कार्यक्रम में बच्चों को क्यों बुलाया गया है उन्होंने कहा कि अगर भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों को बुलाया गया है गलत है जिसने भी बच्चों को बुलाकर बैठाया है वो जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इस बात की जानकारी होते ही शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी अपनी गलती पकड़ती देख बगलें झांकने लगे। इतने बड़े मामले के बाद अब देखना ये होगा कि मंत्री जी दोषियों पर क्या कार्यवाही करती हैं

दलितों के घर होटल का खाना और रात्रि प्रवास को लेकर अंदरूनी बगावती बातों पर अनुपमा जायसवाल ने कहा कि ये समरसता है और समरसता भाजपा का पुराना ट्रेंड रहा है ये केवल कहने की बातें हैं हम विकास को गांव के हर तबके तक पहुचाना चाहते हैं ये सब आरोप निराधार हैं।