बिबियापुर का श्री शिद्धेस्वर नाथ पांडव कालीन शिवमंदिर

रिपोर्ट @ अनुराग दीक्षित –

हरदोई पचदेवरा। पौराणिक पांडव कालीन श्री शिद्धेस्वर नाथ शिव मंदिर विकास खंड भरखनी के पछोहा इलाके में ग्रामसभा धानी नगला के विवियापुर में स्थित है।आसपास के इलाकों के अलावा फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर के श्रद्धालु भी भोले बाबा के दर्शन कर जल चढ़ाने आते हैं।

मंदिर का इतिहास
किवदंतियों के अनुसार जहां पर शिव मंदिर है वहां पहले जंगल था।हजारों वर्ष पहले यँहा शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान की थी।मंदिर के ब्यबस्थापक रामबीर सिंह के अनुसार पहले तो यँहा केवल शिवलिंग था,लेकिन सन 1965 में यँहा मंदिर की स्थापना अल्हागंज के जगत प्रकाश मिश्र ने की थी।मंदिर बनवाने के दौरान शिवलिंग की खुदाई की गयी लेकिन इसका कोई अंत नहीं मिला।खुदाई के दौरान ही शिवलिंग के पास एक घड़ा मिला उसमें सिक्के भरे हुए थे।उन सिक्कों को पुरातत्व विभाग भिजवाया गया था।वहीं से यह बताया गया की सिक्के पांडव कालीन हैं तभी से इस मंदिर को पांडव कालीन कहा जाने लगा।

तैयारियां
सावन माह शिवजी के पूजन के लिये विशेष होता है, इसलिए इस दौरान यँहा भीड़ अधिक होती है।आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूजन सामग्री प्रसाद आदि की ब्यवस्था कराई गई है।मंदिर के आसपास पूजन सामग्री उपलब्ध रहती है।

मंदिर के पुजारी रामकेवल कहते हैं कि इस प्राचीन मंदिर को पर्यटन स्थल घोषित किया जा चुका है।लेकिन यह मंदिर प्रशाशन की उपेक्षा का शिकार है।यहां कोई भी सुविधा प्रशासन की तरफ से नहीं उपलब्ध कराई जाती है।सावन भर भक्त शिवलिंग के दर्शन को उमड़ते हैं।वैसे भक्त यँहा वर्ष भर आते हैं।लेकिन सावन में भक्तों की छटा ही निराली है।
श्रद्धालु अनंतु बाजपेयी ने बताया कि पौराणिक पांडव कालीन शिव मंदिर में सच्चे मन से जलाभिषेक व पूजन अर्चन करने से श्रद्धालुओं की मन्नत अवश्य पूरी होती है।