RTI से हुई कार्यवाही, सुकरो नदी कौड़िया रेंज नजीबाबाद बिजनौर में अवैध खनन पत्थर, रोडी एवं आर0बी0एम0 निकासी में रू0 226.01 लाख (दो करोड़, छब्बीस लाख, एक हजार) की क्षति पहुंचाने एवं अवैध खनन, गम्भीर प्रकरणों में हुई थी लापरवाही, वन दरोगा एवं वनाधिकारी हुए निलम्बित
लखनऊ। सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जनपद बिजनौर निवासी श्री पुनीत गोयल ने दिनांक 25.07.2017 को मुख्य वन संरक्षक सुरक्षा, सर्तकता एवं मुख्य सर्तकता अधिकारी उ0प्र0, लखनऊ को आवेदन-पत्र देकर सूचनाएं चाही थी कि वन संरक्षक मुरादाबाद को बिजनौर वन प्रभाग, नजीबाबाद की कौड़िया रेंज में हुये अवैध खनन, कटान, अतिक्रमण, की शिकायत की जांच के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में की गयी कार्यवाही, जांच से सम्बन्धित समस्त पत्रावली की पठनीय प्रमाणित छायाप्रतियों की जानकारी चाही थी, मगर विभाग द्वारा वादी को इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी गयी, अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने अधिनियम के तहत राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी चाही है।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने मुख्य वन संरक्षक सुरक्षा, सतर्कता एवं मुख्य सर्तकता अधिकारी उ0प्र0, लखनऊ को दिये थे आदेश
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने मुख्य वन संरक्षक सुरक्षा, सर्तकता एवं मुख्य सर्तकता अधिकारी उ0प्र0, लखनऊ को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी के प्रार्थना-पत्र में उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर मा0 आयोग के समक्ष पेश करें, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को क्यों सूचना नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।
मुख्य वन संरक्षक सुरक्षा, सर्तकता एवं मुख्य सर्तकता अधिकारी उ0प्र0, लखनऊ से श्री ए0के0 पन्त सुनवाई के दौरान मा0 आयोग में उपस्थित हुए, उनके द्वारा बताया गया है कि श्री प्रवीण कुमार राघव, भारतीय वन सेवा (जम्मू और कश्मीर बैच-2000) के प्रभागीय वनाधिकारी, बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद के पद पर तैनाती की अवधि में कौड़िया रेंज के अन्तर्गत वन क्षेत्र में पड़ने वाली सुकरो नदी में बडी मात्रा में अवैध खनन किया गया, जिसकी जांच वन संरक्षक, मुरादाबाद वृत्त द्वारा कौड़िया रेंज के स्टाफ की उपस्थिति में करायी गयी। क्षेत्र के अन्दर स्थित सुकरो नदी के 3.50 किमी0 लम्बाई में मौके पर की गयी नपत (नाम) के अनुसार अवैध खनन कर 1,50,675 धनमी0 पत्थर, रोडी एवं आर0बी0एम0 निकासी से शासन को रू0 226.01 लाख (दो करोड़, छब्बीस लाख, एक हजार) की क्षति पहुंचाने एवं अवैध खनन जैसे गम्भीर प्रकरणों में लापरवाही बरतने अपने दायित्वों के प्रति निष्ठावान न रहने, परमसत्यनिष्ठा से कार्य न करने सम्बन्धी अरोप की प्रथम दृष्टया पुष्टि होती है। अवैध खनन की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक, मुरादाबाद वृत्त, मुरादाबाद के पंत्राक द्वारा आपसे आख्या मांगी गयी, लेकिन श्री राघव द्वारा कोई आख्या नहीं दी गयी। इस प्रकार श्री प्रवीण कुमार राघव द्वारा जानबूझकर इस अवैध खनन में अपने प्रत्यक्ष एवं पर्यवेक्षणीय कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों के निर्वाहन में जानबूझकर एवं कदाशयता पूर्वक शिथिलता बरतने आदि अनियमितताओं के लिए प्रथमदृष्टया दोषी पाये जाने के दृष्टिगत श्री राज्यपाल सम्यक विचारोपरान्त श्री प्रवीण कुमार राघव भारतीय वन सेवा के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की जा चुकी है, एव श्री हरेन्द्र सिंह (सेवानिवृत्त) तत्कालीन उप प्रभागीय वनाधिकारी के विरूद्ध अनुशासिक कार्यवाही शासन स्तर की जा रही है।
अनियमितताओं के लिए प्रथमदृष्टया दोषी पाये जाने पर श्री कोमल सिंह वन दरोगा, श्री देश सिंह वन दरोगा एवं श्री वी0के0 गोयल क्षेत्रीय वनाधिकारी तत्काल प्रभाव से हुए निलम्बित
प्रश्नगत प्रकरण में श्री प्रवीण कुमार राघव, भारतीय वन सेवा (जम्मू और कश्मीर बैच-2000) से तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी, बिजनौर वन प्रभाग, नजीबाबाद तथा उनके अधीनस्थ स्टाप श्री कोमल सिंह वन दरोगा, श्री हृदेश सिंह वन दरोगा एवं श्री वी0के0 गोयल क्षेत्रीय वनाधिकारी तथा श्री हरेन्द्र सिंह (सेवानिवृत्त) उप प्रभागीय विनाधिकारी के मध्य तथा अवैध खन्नकर्ता के मध्य दुरभिसन्धि/अपराधिक षडयंत्र प्रथमदृष्टया परिलक्षित पाया गया है। अतएव श्री कोमल सिंह वन दरोगा, श्री हृदेश सिंह वन दरोगा एवं श्री वी0के0 गोयल क्षेत्रीय वनाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने मा0 आयोग को दी है।