सुरेश खन्ना ने प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) के तहत बनाए जाने वाले प्री-कास्ट लार्ज कंक्रीट पैनल तकनीक के माॅडल भवन का लोकार्पण किया

लखनऊ ।  संसदीय कार्य, नगर विकास, शहरी समग्र विकास तथा नगरीय रोज़गार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग, मंन्त्री सुरेश खन्ना ने प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) के तहत बनाए जाने वाले प्री-कास्ट लार्ज कंक्रीट पैनल तकनीक के माॅडल भवन का लोकार्पण करते हुए कहा इस तकनीक से निर्मित मकानों में ईंट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ये मकान गुणवत्ता से परिपूर्ण, पर्यावरण फ्रेंडली व भूकंप रोधी होंगे और इनकी लाइफ लगभग 75 वर्ष होगी ।

घर तीन से पांच दिन में बनकर तैयार हो जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब मकान बनाना आसान हो गया है।इसके तहत लाभार्थी का घर तीन से पांच दिन में बनकर तैयार हो जाएगा।यह प्रीकास्ट लार्ज कंक्रीट पैनल तकनीक से संभव हो सका है।बुधवार को नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने सूडा दफ्तर के बाहर इस तकनीक से बने मॉडल आवास का लोकार्पण किया।इसे आम जनता के देखने के लिए बनाया गया है।इस तकनीक से मकान बनाने में ईंट की जरूरत नहीं पड़ती है।इसमें प्रीकास्ट बीम, कॉलम, पैनल, स्लैब का इस्तेमाल किया जाता है।

मकान पारंपरिक मकान जैसा ही है।

संसदीय कार्य, नगर विकास, शहरी समग्र विकास तथा नगरीय रोज़गार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग, मंन्त्री  सुरेश खन्ना ने बताया कि इस तकनीक से निर्मित मकान पारंपरिक मकान जैसा ही लगता है।साथ ही इसकी मजबूती भी खूब होती है।इस तकनीक की खास बात यह है कि अधिक संख्या में मकान बनाने में इसकी लागत भी कम हो जाती है।फिलहाल इसकी लागत 1200 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है।इस तकनीक से बने मकानों में सीपेज व दरार की भी कोई समस्या नहीं आती है।मकान मजबूत, गुणवत्तायुक्त, कम लागत व समय में तैयार हो जाते हैं।तमिलनाडु व महाराष्ट्र में इस तकनीक का इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है।इन मकानों की आयु 75 साल होती है।उन्होंने बताया कि इस तकनीक से घर बनाने की कोई बाध्यता नहीं है, यदि किसी को लगता है तो वह इस नई तकनीक से घर बनवा सकता है।सूडा उसकी पूरी मदद करेगा।

वर्ष 2022 तक 14.20 लाख आवास

संसदीय कार्य, नगर विकास, शहरी समग्र विकास तथा नगरीय रोज़गार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग, मंन्त्री सुरेश खन्ना ने बताया कि वर्ष 2022 तक प्रदेश में 14.20 लाख आवास का निर्माण होना है।इसके लिए वर्षवार रोड मैप तैयार किया जा चुका है।उन्होंने बताया कि सपा सरकार में इस योजना में सबसे कम काम हुआ था।उस समय 21 महीने में केवल 11286 आवास ही स्वीकृत हुए थे, लेकिन भाजपा सरकार में पिछले सवा साल में चार लाख आवास की डीपीआर स्वीकृत हो गई है।