गोरखपुर। बीते नौ माह से नहीं मिल रहे वेतन और डीआईओएस द्वारा पदोन्नति में की जा रही गड़बड़ी को लेकर दो शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर आमरण अनशन शुरू किया। इन शिक्षकों के समर्थन में माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने आमरण अनशन स्थल पर बैठकर धरना दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक के शहर में नहीं होने के कारण शिक्षकों का अमरण अनशन देर रात तक जारी रहा। शिक्षकों का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती है तब तक यह जारी रहेगा।
शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष डॉ. दिग्विजय नाथ पाण्डेय ने कहा कि आदर्श इंटर कालेज हरदीचक के प्रधानाचार्य डॉ. अरूनेश सिंह को डीआईओएस और विद्यालय के प्रबंधतंत्र की मिली भगत से विगत नौ माह से वेतन नहीं मिल रहा है। जब कि इस मामले में कोर्ट का भी आदेश हो गया है। इसके बाद भी डीआईओएस अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह से अमृत दास इंटर कालेज जोगिया पाली के शिक्षक सिद्धार्थ शंकर मिश्र जो अपने विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक के साथ संस्कृत के प्रवक्ता पद पर अर्हताधारी भी हैं। मगर डीआईओएस और संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य की मिली भगत से एक कनिष्ठ सजातीय शिक्षक को पदोन्नति की दौड़ में आगे लाकर प्रस्ताव कार्यालय में स्वीकार कर चुके हैं।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि सुबह से दोनो शिक्षक आमरण अनशन पर बैठे हैं। इसकी जानकारी डीआईओएस को भी है। मगर उनकी संवेदनहीनता इतनी बढ़ गई की वह इस गर्मी में प्रधानाचार्य और शिक्षक की मांगों को सुनने के लिए आमरण अनशन स्थल पर नहीं पहुंचे। मंडलीय अध्यक्ष श्रीनाथ दीक्षित ने कहा कि संगठन के आगे सरकारें झुकती हैं तो यह भ्रष्टाचारी अधिकारी हैं। इन दो शिक्षकों के समर्थन में एक दर्जन और शिक्षक आमरण अनशन पर बैठेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। जरूरत पड़ने पर शिक्षक संघ लखनऊ तक इस मामले को ले जाएंगे। आमरण अनशन स्थल पर पूर्व जिलाध्यक्ष मारकण्डेय प्रसाद सिंह, पूर्व जिलामंत्री मुरलीधर त्रिपाठी, आशुतोष दूबे, डॉ. ब्रजेश मणि, दीपक राय शर्मा, नजमुल हसन, अशोक सिंह, गुतानी प्रसाद दूबे, सर्वेश कुमार, शशि बिन्दु मिश्रा, प्रवीण राय, लालचंद पाण्डेय, मनोज पाण्डेय आदि शिक्षक मौजूद रहे।