गोरखपुर में प्रदेश का एकमात्र कम्पोजिट रीहैबिटेशन सेंटर (पुनर्वास केन्द्र) मेडिकल कॉलेज में खुलने जा रहा है
गोरखपुर। दिव्यांगों के लिए प्रदेश सरकार ने एक कदम और बढाते हुए एक सराहनीय कार्य करने जा रही है। गोरखपुर में प्रदेश का एकमात्र कम्पोजिट रीहैबिटेशन सेंटर (पुनर्वास केन्द्र) मेडिकल कॉलेज में खुलने जा रहा है। इसके निर्माण होने तक अस्थाई तौर पर मेडिकल कॉलेज बने जीडीए के भवन में चलेगा। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है और केन्द्र सरकार ने पांच करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया है। बीआरडी में खुलने वाले सीआरसी मे प्रदे्श के किसी भी जिले से लोग आकर यहां इलाज करा सकेंगे।
यहां रुकने की भी व्यवस्था होगी और दिव्यांग हुए बच्चों को इलाज दिए जाने के साथ ही अभिभावकों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा ताकि जब वह सेंटर से वापस जाएं तो बच्चों को निरंतर इलाज देते रहें।
कम्पोजिट रिहैविलिटेशन सेन्टर( सीआरसी) के लिए खोलने के लिए जिलाधिकारी के.विजयेन्द्र पाण्डियन बीआरडी जाकर भूमि का निरीक्षण कर चुके हैं। डीएम ने बताया कि सीआरसी के नए भवन का भूमिपूजन और मनोविकास केन्द्र में अस्थायी सीआरसी का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जुलाई माह में कर सकते हैं।
यहां प्रदेश के किसी भी जिले के लोग आकर इलाज करा सकते हैं। मरीजों के तीमारदारों को किसी प्रकार से कोई असुविधा न हो इसके लिए उनके रुकने की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए अलग से कमरे बनाए जाएंगे। यहां भोजन भी व्यवस्था रहेगी।
दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास के लिए यहां अलग से प्रशिक्षण केन्द्र भी चलाया जाएगा। यहां कोर्स के रूप में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि पूरी दक्षता के साथ बच्चों का पुनर्वास कर सकें।
30 कमरों के एक पुरानी बिल्डिंग में चलेगा यह केन्द्र
जुलाई से इस केन्द्र को शुरू करने के लिए जिलाधिकारी ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पुराने खाली पड़े भवन को चिन्हित किया है। इसके 30 कमरों में पुनर्वास केन्द्र अस्थाई तौर पर चलाया जाएगा। इसके साथ ही नई बिल्डिंग बनाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। बिल्डिंग का काम पूरा होते ही केन्द्र को नई बिल्डिंग में भेज दिया जाएगा।