ऊर्जा मंत्री का अपने विभाग और उसके अधिकारियों पर ही कोई जोर नहीं है।
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि कानून व्यवस्था की तरह उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था भी पटरी से उतर गई है। भाजपा सरकार के मंत्रियों का अपने विभागों पर नियंत्रण नहीं रह गया है और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। यह बात तो खुद ऊर्जामंत्री ने मानी है कि न तो बिजली चोरी पर अंकुश लगा है और नहीं बढ़ते फाल्ट पर रोक है। स्पष्ट है कि ऊर्जा मंत्री का अपने विभाग और उसके अधिकारियों पर ही कोई जोर नहीं है।
राजधानी लखनऊ में भी लोग बिजली की आवाजाही झेल रहे हैं।
इन दिनों जबकि भीषण गर्मी पड़ रही है, बिजली कटौती से त्राहि-त्राहि मची हुई है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब घंटो-घंटों बिजली गायब न होती हो। वोल्टेज की समस्या भी गंभीर है। जनता की कहीं सुनवाई नहीं है। राजधानी लखनऊ में भी लोग बिजली की आवाजाही झेल रहे हैं। बिजली संकट से लोगों को राहत के कोई आसार नहीं है।
प्रदेश के ऊर्जामंत्री जब तब गांव-गांव घर-घर बिजली पहुंचाने के दावे करते थकते नहीं। लेकिन हकीकत में सिर्फ कागजी कार्यवाहियां हो रही हैं या हवाई घोषणाएं दुहराई जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी सरकार थी प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में वृद्धि की विस्तृत कार्य योजना लागू हुई थी।
मंत्री की कहीं कोई सुनता नहीं हैं। टयूबवेलों के ऊर्जाकरण में लापरवाही हो रही है। उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी सरकार थी प्रदेश में विद्युत आपूर्ति में वृद्धि की विस्तृत कार्य योजना लागू हुई थी। तब ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 16 घंटे तथा शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे तक विद्युत आपूर्ति होने लगी थी। अण्डर ग्राउण्ड कैबलिंग के साथ ट्रांसफार्मरों की समय से मरम्मत का काम भी सुनिश्चित था।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार के समय बिजली की सप्लाई 16000 मेगावाट तक पहुंच गई।
अखिलेश यादव ने 12 विद्युत परियोजनाएं शुरू की। सौर ऊर्जा के तहत मार्च 2017 तक 500 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं स्थापित की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में फीडर सेपरेशन का काम कराया था। अखिलेश यादव ने कई बंद पड़ी विद्युत इकाईयों को फिर से शुरू कराया। प्रदेश में समाजवादी सरकार के समय बिजली की सप्लाई 16000 मेगावाट तक पहुंच गई। भाजपा सरकार में न तो एक सबस्टेशन का निर्माण हुआ और नहीं एक यूनिट विद्युत उत्पादित हो सकी। 15 महीने से भाजपाई सिर्फ झूठ से बिजली बनाते रहे हैं।
जब मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव समाजवादी सरकार में बिगड़ी हुई ।
उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी की जा रही है।
विद्युत व्यवस्था में सुधार कर सकते थे तो भाजपा सरकार को कौन सा सांप सूंघ गया है कि उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी की जा रही है? ऐसा लगता है
कि भाजपा सरकार जब़ानी जमा खर्च से ही दिन काटना चाहती है।