राप्ती नदी के लक्ष्मणपुर घाट पर दो कांवड़ियों की डूबने से मौत
बहराइच। प्रशासन की लापरवाही से जल लेने गए दो कांवड़ियों की नदी में डूबने से मौत हो गई। नवाबगंज थाना इलाके के बहराइच भारत नेपाल सीमा स्थित राप्ती नदी के लक्ष्मणपुर घाट पर हुए इस हादसे से गुस्साए कांवड़ियों ने जमकर प्रशासन विरोधी नारेबाजी की।
कांवड़िया संघ के आरोप हैं की सावन से पहले हुई पीस कमिटी की बैठक में गोताखोरों और एम्बुलेन्स की सुविधा कराने की मांग रखी गई थी जिस पर ध्यान नहीं दिया गया और आज ये हादसा हो गया।लगभग 3 घंटे कड़ी मशक्कतों से गोताखोरों ने दोनों के शवों को बरामद किया जिसके शवों को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया गया है।
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कई वर्षों से कांवरिया द्वारा पवित्र राप्ती नदी का जल भर कर बाबा मंगली नाथ धाम पहुंच कर शिव मंदिर में जलाभिषेक करने के बाद वहां से बाबा घमंडी नाथ शिव मंदिर पहुंच कर भगवान शिव जी का पूजन कर जलाभिषेक करते चले आ रहे हैं उसी परंपरा को लेकर सोमवार को क्षेत्र से लगभग 10000 कांवरिया राप्ती नदी लक्ष्मणपुर घाट पर पहुंचकर स्नान कर रहे थे उसी समय राप्ती नदी में स्नान करते समय दो कांवरिया पंकज वर्मा और सुभाष वर्मा पुत्र नहाते समय नदी में डूब गए जिनको तलाशने के लिए लगभग डेढ़ घंटे बाद जानकारी मिलते ही लोग आनन-फानन नदी पर पहुंचकर कूद पड़े और भारी मशक्कत के बाद दोनों कांवरियों को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला जिनको उनके परिजन तत्काल अस्पताल ले जा रहे थे जिनमें कांवरिया सुभाष की मल्हीपुर श्रावस्ती के पास मृत्यु हो गई जबकि दूसरे कांवरिया पंकज की जिला अस्पताल में मृत्यु हो गई दोनों कांवरियों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, वही घर में परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
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घटना की सूचना मिलने पर कांवरिया संघ अध्यक्ष पिंटू गुप्ता वहां पहुंचे और उन्होंने कहा प्रशासन की लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ। उनका कहना है की पीस कमिटी की बैठक गोताखोर और नाव की मांग की गई थी जिसे प्रशासन ने हवा में उड़ा दिया बिना मल्लाह के एक नाव दी भी गई लेकिन महज़ दिखावे के लिए अगर प्रशासन सचेत होता तो ये हादसा न होता।