नेपाल के सोनौली बार्डर से 2 अप्रैल को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ के बाद गोरखपुर के एक होटल से एसटीएफ ने यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन को जेल भेजा था
गोरखपुर। गोरखपुर जेल में बंद यूक्रेन की मॉडल डारिया मोलचन को कल जमानतदार मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। कोलकाता से चाटर्ड प्लेन से उसे लेने आए वहां के दो बड़े व्यापारियों ने उसकी जमानत के कागजात सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट नंबर 3 सुरेन्द्र प्रताप सिंह की कोर्ट में दाखिल किए। जज ने उसे जमानत दे दी। नेपाल के सोनौली बार्डर से 2 अप्रैल को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ के बाद गोरखपुर के एक होटल से एसटीएफ ने उसे जेल भेजा था। कुछ दिन पूर्व उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन, जमानतदार नहीं मिलने के कारण उसे रिहा नहीं किया गया था।
यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन को जेल से जमानत पर ले जाने के लिए कोलकाता के दो व्यापारी चंदारी रावत व आदर्श दो पायलट संग चार्टर प्लेन से गोरखपुर पहुंचे। अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने वाली यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन की जमानत पुलिस और एसटीएफ के शिकंजे के डर से कानपुर के दो और गोरखपुर के बड़हलगंज के दो जमानतदार पहले वापस ले चुके है।
डारिया मोलचन को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिली है। उसके बाद बड़हलगंज क्षेत्र के रहने वाले दो सगे भाइयों ने उसकी जमानत ली थी। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने जमानतदारों का सत्यापन कराने के लिए भेजा। बड़हलगंज पुलिस ने सत्यापन के दौरान जमानतदारों से इस संबंध में बातचीत की। वे कौन लोग हैं, क्या करते हैं, कभी विदेश गए है या नहीं, यूक्रेनी माडल को कैसे जानते हैं। तारीख पर उसे कैसे पेश कराएंगे।
इस संबंध में बातचीत के बाद पुलिस ने जमानतदारों के बातचीत की वीडियो रिकार्डिग की थ। जिसके बाद कचहरी पहुंचे जमानतदारों ने प्रार्थना पत्र देकर निजी कारणों से डारिया का जमानत लेने से इंकार कर दिया था। उसके बाद कानपुर के दो जमानतदार सामने आए। उनका पुलिस वेरीफिकेशन कराया जा रहा था कि इस बीच उन्होंने भी जमानत वापस ले ली। इसके साथ ही डारिया के पैरवीकर्ताओं को तीसरे जमानतदारों की तलाश करनी पड़ी।
यूक्रेन के सूमी 85, किरोवा स्ट्रीट निवासी 20 वर्षीय डारिया मोलचन पुत्री विटाली मोचलन को एसटीएफ ने दो अप्रैल को पार्क रोड से गिरफ्तार किया था। डारिया के पास से दो पासपोर्ट, मरिना अमन मेहता के नाम से बना फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, दो मोबाइल व टैबलेट मिला। मोबाइल चेक करने पर उसमें दिल्ली के रहने वाले एक पुलिस अधिकारी की आपत्तिजनक तस्वीर मिली जिसे जांच के लिए दिल्ली के फारेंसिक लैब भेजा गया थ। एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश की तहरीर पर कैंट पुलिस ने डारिया मोलचन के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और विदेश अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। 12 अप्रैल को जिला जज ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिसके खिलाफ उसके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में अपील कर वहां से जमानत हासिल की थी।
जमानतदारों की अर्जी को सिविल जज सीनियर डिवीजन सुरेंद्र प्रताप सिंह कोर्ट नंबर 3 ने मंजूर कर लिया है। हाईकोर्ट ने कुछ दिन पूर्व जमानत मंजूर की थी। कोलकाता से आए दोनों जमानतदार मीडिया के कैमरे के सामने चुप्पी साधे रहे। डारिया मोलचन को कैसे जानते हैं? इस सवाल का जवाब भी नहीं दिया। यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन के जमानतदारों के वकील ने बताया कि वे डारिया मोलचन के अधिवक्ता हैं। हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। आज उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
डारिया ने दिल्ली में रहने के दौरान मॉडलिंग एजेंसी के साथ मॉडल के रूप में काम किया और अपने संपर्क को बढ़ाने के लिए उन्होंने ‘शहरी क्लब’ का दौरा करना शुरू किया। जहां वह अनुज पोद्दार और इमशान काशिफ के संपर्क में आ। दिल्ली में वरिष्ठ पुलिस के साथ मॉडल की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें, हवाईअड्डा अधिकारी और कोलकाता के अधिकारियों के फोटो उसके स्मार्ट फोन और टैबलेट से बरामद किए गए थे।
मॉडल पहली बार 2016 में भारत पहुंची थी। संदेह के कारण उसके वीजा को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था, जिसके बाद उसने देश छोड़ दिया। दिसंबर 2017 में वो फिर पर्यटक वीजा पर भारत पहुंची। लेकिन, भारत सरकार द्वारा उसके प्रवास पर प्रतिबंध लगाने के कारण हवाई अड्डे से उसे वापस कर दिया गया था।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि आखिर वो भारत में अवैध रूप से क्यों घुसी? इसके साथ ही उसने 2013 में चीन के साथ खाड़ी देशों की यात्रा क्यों की थी? वह भारत के रसूखदार लोगों के लगतार संपर्क में क्यों थी?