विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर राजकीय उद्यान, लखनऊ के प्रांगण में कार्यशाला/संगोष्ठी का हुआ आयोजन

कृषकों की आय को दोगुनी करने में मौनपालन एक सफल एवं उपयोगी उद्योग – महेश कुमार श्रीवास्तव

लखनऊ। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर अधीक्षक राजकीय उद्यान, लखनऊ के प्रांगण में एक कार्यशाला/संगोष्ठी का आयोजन 20 मई, 2018 को किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए नवागत अधीक्षक महेश कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित कृषकों, बेरोजगार युवकों एवं मौनपालकों को अपने सम्बोधन में बताया कि आज मधुमक्खियों का संरक्षण एवं संवर्धन समय की मांग है, क्योंकि यह मधुमक्खियाँ जहां एक ओर औद्यानिक एवं कृषि फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वहीं दूसरी ओर इनके द्वारा उत्पादित शहद का सेवन हमारे स्वस्थ एवं निरोगी जीवन हेतु अत्यन्त लाभकारी है। इस प्रकार भारत एवं राज्य सरकार की मंशानुरूप कृषकों की आय को दोगुनी करने में मौनपालन एक सफल एवं उपयोगी उद्योग साबित हो सकता है और लाखों रुपये की आमदनी शहद की बिक्री से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने आह्वान किया कि ज्यादा से ज्यादा कृषक बन्धु इसे अपनायें।

निदेशालय उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ से पधारे राम बली, मौन विशेषज्ञ द्वारा जनपदों में चल रही मौनपालन की योजनाओं पर सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की जानकारी देते हुए बताया कि 50 मौनवंशों की एक यूनिट की स्थापना पर लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम् रुपया 88,000/- प्रति यूनिट का अनुदान दिया जाता है।

इस अवसर पर अमृत कुमार वर्मा, वरिष्ठ शोध सहायक द्वारा मधुमक्खियों के बचाव एवं उनके संरक्षण के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही सत्य नारायण यादव, मधु विकास निरीक्षक द्वारा मधुमक्खियों के उत्पादों शहद, पराग, मोम, प्रपोलिस एवं बी-वैनम आदि के बारे में विस्तृत जानकारी देने के साथ-साथ मौनपालन सम्बन्धी उपकरणों को भी मौके पर प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में अरूण चन्द्र श्रीवास्तव, संजय राठी, विजय सिंह ने भी उपस्थित होकर जनमानस को सम्बोधित किया।