माह-ए-रमज़ान में 50 परिवारों को सहरी व इफ्तार के लिए पूरे माह का खाद्य पदार्थ बांटते हैं
गोरखपुर। वह नौजवान हैं डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, बिजनेसमैन है जिनकी तादाद 60 से अधिक है। सभी समाज के लिए कुछ बेहतर करने के जज्बे से लबरेज हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों से रहने के बाद सबकी सोच एक जैसी है। अपनी मेहनत की कमाई से कुछ रकम हर माह बचाते हैं और उस रकम को मजबूर, लाचार, बेसहारा गरीबों पर खर्च करते हैं।
वे मदद करते हैं बीमारों की मदद करते है शिक्षा से महरूम बच्चों की, विधवाओं की खाने के लिए मोहताजों में खाद्य सामग्री मे बांटते हैं। माह-ए-रमज़ान में 50 परिवारों को सहरी व इफ्तार के लिए पूरे माह का खाद्य पदार्थ बांटते हैं।
दूसरों का गम बांटने के लिए और उनकी आर्थिक मदद करने के लिए तीन साल पहले शहर के कुछ युवाओं ने “ब्रदर्स कम्युनिटी” कायम की। यह ग्रुप न कोई एनजीओ है न कोई अन्य संस्था और न ही इस ग्रुप का कोई आफिस है। यह केवल दोस्तों का एक ग्रुप है. ग्रुप के हर सदस्य प्रत्येक महीने पैसा वक्त पर जमा करते है और इन्हीं दोस्तों पर जरूरतमंदों की तलाश का भी जिम्मा होता है।
इस ग्रुप का स्लोगन है इत्तेहाद (एकता), मोहब्बत और खिदमत। यह ग्रुप शेखपुर के वसीमुल हक की एक बेहतरीन सोच है जिसे अंजाम तक पहुंचाया उनके दोस्तों ने और कारवां बनता चला गया. आज इस ग्रुप के 60 से अधिक सदस्य हैं। अभी तक ग्रुप ने 50 से ज्यादा बीमारों की मदद की है। करीब इतनी ही संख्या में लोगों की आगे की पढ़ाई में मदद की है। जरूरतमंद परिवारों को खाद्य पदार्थ भी बांटते रहते है। कई विधवाओं को खाद्य पदार्थ के साथ 500-600 रूपया मासिक पेंशन की तरह मदद भी करते है। इस माह-ए-रमज़ान में 50 परिवारों में सहरी-इफ्तार का पूरा सामान पूरे माह के लिए पहुंचा चुके है। पहले साल 16 परिवारों में सहरी-इफ्तार किट पहुंचाया तो दूसरे साल 40 परिवार को।