महाकुंभ 2025: अदाणी ग्रुप और इस्कॉन की मिलकर ‘महाप्रसाद’ सेवा

महाकुंभ 2025: अदाणी ग्रुप और इस्कॉन की मिलकर ‘महाप्रसाद’ सेवा

महाकुंभ 2025: महाकुंभ 2025 में अदाणी ग्रुप और इस्कॉन ने मिलकर श्रद्धालुओं के लिए ‘महाप्रसाद’ सेवा की शुरुआत की। हजारों श्रद्धालुओं को मुफ्त में स्वादिष्ट प्रसाद वितरित किया जा रहा है। यह सेवा कुंभ मेले में संतुलन और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का प्रयास है।

महाकुंभ 2025: प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: 2025 का महाकुंभ अपने इतिहास में एक नई मिसाल पेश कर रहा है। इस धार्मिक मेले में जहां लाखों श्रद्धालु पुण्यलाभ के लिए पवित्र गंगा, यमुन, और संगम के त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं, वहीं अदाणी ग्रुप और इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) के सहयोग से ‘महाप्रसाद’ वितरण सेवा भी विशेष आकर्षण का केंद्र बन गई है।

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महाकुंभ के दौरान, अदाणी ग्रुप और इस्कॉन ने मिलकर एक विशाल ‘महाप्रसाद’ सेवा का आयोजन किया है, जिसमें श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इस सेवा के तहत, कुंभ मेला क्षेत्र में स्थित विशेष किचन से हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जा रहा है।

महाप्रसाद का वितरण

अदाणी ग्रुप के नेतृत्व में, इस सेवा का उद्देश्य है कि कोई भी श्रद्धालु भूखा न रहे और उन्हें कुंभ के महात्म्य के साथ-साथ आध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त हो। प्रत्येक दिन, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय, श्रद्धालुओं को ताजे, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट प्रसाद दिया जाता है। इस प्रसाद में दाल-रोटी, चावल, सब्ज़ी, हलवा और अन्य भारतीय पकवान शामिल होते हैं।

इस्कॉन की तरफ से, श्री कृष्ण के उपासक इस प्रसाद वितरण को बहुत श्रद्धा और समर्पण के साथ करते हैं। वे इसे ‘भगवान का प्रसाद’ मानते हैं और इसे देने का कार्य एक पवित्र कर्तव्य समझते हैं। इसके लिए विशेष रसोई तैयार की गई हैं, जिसमें अधिकतर सामग्री ताजे और शुद्ध साधन से तैयार की जाती है।

सेवा का उद्देश्य और महत्व

महाकुंभ में ‘महाप्रसाद’ वितरण का यह प्रयास न केवल समाज के हर वर्ग को सुस्वादु भोजन प्रदान करने का है, बल्कि इसका उद्देश्य एकता और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देना है। अदाणी ग्रुप का मानना है कि एक महाकुंभ के आयोजन से बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है और इस प्रकार के सेवा कार्य समाज के प्रति संवेदनशीलता को प्रदर्शित करते हैं।

इस्कॉन के प्रवक्ता ने बताया कि इस पहल से हजारों श्रद्धालुओं को धार्मिक और मानसिक शांति मिल रही है। उनका मानना है कि प्रसाद के रूप में जो भोजन दिया जाता है, वह केवल पेट भरने का काम नहीं करता, बल्कि यह आत्मिक संतुष्टि और भगवान के साथ जुड़ने का एक साधन बनता है।

स्वच्छता और व्यवस्था

अदाणी ग्रुप और इस्कॉन ने महाप्रसाद सेवा के संचालन में पूरी स्वच्छता और अनुशासन का ध्यान रखा है। प्रत्येक किचन और वितरण स्थल पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, और कार्यकर्ताओं को हर समय मास्क और ग्लव्स पहनने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म भी विकसित किया गया है, ताकि श्रद्धालु आसानी से प्रसाद प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 में अदाणी ग्रुप और इस्कॉन द्वारा चलायी जा रही महाप्रसाद सेवा एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे निजी क्षेत्र और धार्मिक संगठन मिलकर सामाजिक दायित्व निभा सकते हैं। यह न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और मानवता का भी एक मजबूत संदेश देता है।

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