Samwad 2025: ‘MBBS की सीटें तीन गुना की गईं, 80 मेडिकल कॉलेज काम कर रहे हैं’ — डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान

Samwad 2025: ‘MBBS की सीटें तीन गुना की गईं, 80 मेडिकल कॉलेज काम कर रहे हैं’ — डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान

Samwad 2025: संवाद 2025 में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि 2017 की तुलना में अब 80 मेडिकल कॉलेज पूरी क्षमता से कार्यरत हैं। कुछ जिलों में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि MBBS सीटें तीन गुना की गई हैं और शेष जिलों में PPP मोड पर टेंडर व एग्रीमेंट की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।

Samwad 2025: अमर उजाला संवाद 2025 के दूसरे दिन ‘उत्तर प्रदेश की बदलती सेहत’ सत्र में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 2017 के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे में व्यापक सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि तब केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, आज 80 कॉलेज पूरी क्षमता से कार्यरत हैं। चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का कार्य तेजी से हुआ है। शेष जिलों में भी PPP मोड पर टेंडर और एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह परिवर्तन प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सिर्फ आठ वर्षों में संभव हो पाया।

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अखिलेश के आरोपों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का पलटवार

संवाद 2025 में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज कोई पॉकेट में रखी चीज नहीं होती जिसे जब चाहा निकाल लिया। यह एक पारदर्शी प्रक्रिया है जिसे पूरी दुनिया देख रही है। उन्होंने बताया कि यूपी में MBBS सीटों की संख्या तीन गुना बढ़ाई गई है, और ये सीटें राज्य सरकार नहीं, बल्कि NEET के ज़रिए केंद्र द्वारा तय प्रक्रिया से भरी जाती हैं। परीक्षा पूरे देश में एकसमान होती है। उन्होंने कहा, यह काम पारदर्शिता और नीति के तहत किया गया है, कोई दिखावा नहीं।

स्वास्थ्य बजट पर उठे सवालों का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिया जवाब

स्वास्थ्य योजनाओं के बजट के खर्च न हो पाने पर उठे सवालों पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कुछ लोगों को पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकार 60:40 के अनुपात में काम करती हैं। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राशि के लिए राज्य पहले से 40% बजट आरक्षित करता है। जैसे ही फंड आता है, काम शुरू कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत यूपी सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो राज्य की 40% हिस्सेदारी से हुआ है।

डॉक्टरों और नर्सों की कमी पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का जवाब – “हर शुरुआत समय लेती है”

डॉक्टरों और नर्सों की कमी पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कोई भी नई व्यवस्था समय लेकर ही मजबूत होती है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अमर उजाला 1948 में शुरू हुआ और आज एक मजबूत पहचान है, ऐसे ही मेडिकल कॉलेज भी समय के साथ विकसित होते हैं। समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पहले 12-17 कॉलेज ही थे, आज पूरे प्रदेश में संसाधन लाख गुना बेहतर हैं। जौनपुर मेडिकल कॉलेज की स्थिति पर उन्होंने बताया कि सपा सरकार में ठेकेदार भाग गया था, जिसे हमारी सरकार ने पूरा कराया।

GDP का 2.5% स्वास्थ्य पर खर्च नहीं हो पा रहा? डिप्टी सीएम का जवाब – पहले बना रहे हैं आधारभूत ढांचा

GDP का केवल 1.1% स्वास्थ्य पर खर्च होने के सवाल पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि खर्च से पहले आधारभूत ढांचा जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर दाल-चावल है लेकिन प्रेशर कुकर नहीं है, तो खाना कैसे बनेगा?” उन्होंने बताया कि सरकार पहले डॉक्टर तैयार कर रही है, फिर भवन बना रही है और उसके बाद बजट का उपयोग कर रही है। 2017 से तुलना करने पर स्पष्ट है कि यूपी में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की रफ्तार और गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है।

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