Cyber Crime : सोशल मीडिया पर ऐसे ना लगाए फोटो वरना पड़ सकता है भारी

Cyber Crime : सोशल मीडिया पर ऐसे ना लगाए फोटो वरना पड़ सकता है भारी

Cyber Crime : साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया पर पड़े लोगों के फोटो स्कैन करके फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार किया और उनसे पैसे ठगे . कैसे बचे इस स्कैम से आइये जानते है.

Cyber Crime : डिजिटल ज़माने में सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करना बहुत आम हो गया है. एक सिंपल-सी फोटो भी आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है. विशेषकर वो फोटो, जिसमें आपके हाथों के उंगलियों के निशान क्लियर दिखे. ऐसे मामलों में साइबर अपराधी आपके उंगलियों के निशान का उपयोग करके आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) से रुपये निकाल सकते हैं और साथ ही साथ गैर-कानूनी कार्यों में भी आपको फसा सकते हैं.

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एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन रॉय ने लिखा है कि नोएडा में ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आये हैं, जिनकी जांच चल रही है. इन मामलों में साइबर ठगों ने लोगों की फोटो से उनके फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार किया और जिसका उन्होंने गलत इस्तेमाल किया. ऐसे में वो लोग सचेत हो जाये जो लोग अपनी फोटो अधिक शेयर करते है. सोशल मीडिया पर अपनी कोई भी फोटो शेयर करने से पहले सावधानी बरतें. खासकर तब, जब फोटो में आपके फिंगरप्रिंट या अन्य संवेदनशील जानकारी हो.साथ ही साथ उन्होंने यह भी राय दिया कि सोशल मीडिया अकाउंट्स में प्राइवेसी सेटिंग्स को सही करें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें.

आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) में सुरक्षा जरूरी

आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) एक ऐसा सिस्टम, जो आधार नंबर और बायोमेट्रिक पहचान के आधार पर बैंकिंग लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है. इस सिस्टम में फिंगरप्रिंट में विशेष ध्यान दे . साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक,फिंगरप्रिंट को लेकर सेफ्टी संबंधी जागरूकता पर ध्यान देना है. कई बार लोग साइबर ठगी का शिकार केवल इसलिए होते हैं, क्योंकि वे सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा केर देते हैं और ठगी का शिकार बन जाते है.

बायोमेट्रिक्स को करे सेफ

सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो या जानकारी साझा बिलकुल न करें, जिसमें आपकी उंगलियों के निशान, चेहरे की पहचान, या अन्य बायोमेट्रिक जानकारी हो.

प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें

सारे ऑनलाइन अकाउंट्स, विशेषकर सोशल मीडिया और बैंकिंग ऐप्स, में प्राइवेसी सेटिंग्स ठीक करें. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का प्रयोग करें, जिससे आपकी जानकारी किसी भी साइबर ठगी तक न पहुँच पाए. बायोमेट्रिक डेटा को शेयर ना करें अपनी बायोमेट्रिक जानकारी को किसी भी ऐप या वेबसाइट पर न डालें. केवल जानने वाली आधिकारिक प्लेटफार्मों में ही प्रयोग करें.

सॉफ्टवेयर अपडेट्स का ध्यान रखें

अपने मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों के ऑपरेटिंग सिस्टम और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें. यह सुनिश्चित करेगा कि आपके डिवाइस लेटेस्ट सुरक्षा उपायों से सुरक्षित हैं.

बायोमेट्रिक लॉग्स में रहे सचेत और बायोमेट्रिक डाटा सीमित रखे

आपका बायोमेट्रिक्स का उपयोग बैंकिंग या अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में होता है, तो आप नियमित रूप से अपने ट्रांजेक्शन लॉग्स को देखे.आपको जानकारी रहेगी की आपके ट्रांजेक्शन लॉग्स दुरुपयोग नहीं हो रहा है. जहां तक संभव हो कि,केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही बायोमेट्रिक्स का उपयोग करें.

संदेह होने पर रिपोर्ट करे

आपकी बायोमेट्रिक जानकारी का गलत प्रयोग ना हो, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों या साइबर क्राइम विभाग में शिकायत करें.अगर आपका आधार कार्ड बायोमेट्रिक्स से जुड़ा है, तो आधार की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से नियमित रूप से अपने बायोमेट्रिक जानकारी के उपयोग की जांच करें.

ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट्स लगातार देखे

अगर आपका बायोमेट्रिक डेटा किसी बैंकिंग या वित्तीय सेवा के साथ जुड़ा है, तो अपने बैंक स्टेटमेंट्स की जांच करते रहे. किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जानकारी तत्काल संबंधित बैंक को प्रदान करे .साथ ही साथ कुछ सेवाएं आपको यह देखने का विकल्प देती हैं कि आपका बायोमेट्रिक डेटा कब और कहां उपयोग किया गया ऐसे लॉग्स को नियमित रूप से चेक करें.

साइबर सेफ्टी टूल्स का करें इस्तेमाल

ऐसे कई साइबर सेफ्टी टूल्स उपलब्ध हैं जो आपकी बायोमेट्रिक जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं. इन्हें अपने डिवाइस पर इंस्टॉल करें और नियमित रूप से स्कैन करें.

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