International influence : रूस-अमेरिका की नजदीकी के बीच भारत का बढ़ा प्रभाव, चीन ने नई दिल्ली के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की इच्छा जताई

International influence : रूस-अमेरिका की नजदीकी के बीच भारत का बढ़ा प्रभाव, चीन ने नई दिल्ली के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की इच्छा जताई

International influence : रूस और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी के बीच भारत का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बढ़ा है। इसी दौरान, चीन ने भारत के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने की इच्छा जताई है। चीन ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने और वैश्विक शांति एवं विकास में साझेदारी की बात की, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की संभावना है।

International influence : हाल के दिनों में रूस और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी के बीच भारत का अंतरराष्ट्रीय जलवा और प्रभाव बढ़ता जा रहा है। रूस और अमेरिका के बीच बढ़ते सामरिक, आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते जहां वैश्विक परिप्रेक्ष्य में एक नए समीकरण का संकेत दे रहे हैं, वहीं भारत ने इस बदलते वैश्विक माहौल में अपनी कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत किया है। रूस और अमेरिका के बीच तनाव के बावजूद, भारत ने अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाए रखा है और चीन जैसी बड़ी ताकतों के साथ अपने रिश्ते और मजबूत किए हैं।

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भारत की रणनीति न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक राजनीति में भी प्रभावी रही है। इस दौरान चीन ने भी भारत के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने की इच्छा जताई है। यह संकेत उस समय आया है जब चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ा था, और दोनों देशों के संबंधों में अस्थिरता देखी गई थी। लेकिन हाल के समय में चीन ने नई दिल्ली के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए हैं, और यह दावा किया है कि दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थिर रिश्ते वैश्विक शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके बयान के पीछे यह संदेश है कि चीन भारत के साथ मिलकर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना चाहता है।

भारत और चीन के रिश्तों में उतार-चढ़ाव जरूर रहा है, लेकिन दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। चीन, भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझीदार है, और दोनों देशों के बीच विभिन्न समझौतों और व्यापारिक मार्गों की चर्चा लगातार होती रहती है। भारत, चीन के विकास के मौके का लाभ उठाते हुए, अपने घरेलू उद्योगों और तकनीकी विकास में भी लाभ प्राप्त कर रहा है।

वहीं, रूस और अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्ते को लेकर भारत की विदेश नीति पर भी ध्यान दिया जा रहा है। रूस और अमेरिका दोनों ही देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं, और इन दोनों शक्तियों के बीच रिश्तों में सामंजस्य बनाने की भारत की नीति प्रशंसा प्राप्त कर रही है। रूस और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी के बावजूद, भारत ने न केवल अपनी संप्रभुता को बनाए रखा है, बल्कि रूस के साथ अपने सामरिक और आर्थिक रिश्ते भी मजबूत किए हैं। भारत और रूस के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाते हैं।

इस प्रकार, रूस-अमेरिका की नजदीकी के बीच भारत ने अपनी कूटनीति में संतुलन बनाए रखा है और वैश्विक स्तर पर अपने प्रभाव को बढ़ाया है। चीन के साथ रिश्ते सुधारने की पहल भी भारत के प्रभाव को और बढ़ाती है, जिससे आने वाले समय में भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत होने की संभावना है।

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