UP by-Election : यूपी उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों के लिए जारी हुई लिस्ट

UP by-Election : यूपी उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों के लिए जारी हुई लिस्ट

UP by-Election : भाजपा ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश उपचुनाव के लिए सात उम्मीदवारों की घोषणा की। फूलपुर से दीपक पटेल और गाजियाबाद से संजीव शर्मा को मैदान में उतारा। पार्टी ने कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, खैर से सुरेंद्र दिलेर, करहल से अनुजेश यादव, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिस्मिता मौर्य को मैदान में उतारा है।

UP by-Election :उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कुल 7 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। खास बात यह है कि करहल सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के दामाद को टिकट देकर बीजेपी ने सभी का ध्यान खींचा है। इस कदम को सपा के गढ़ में बीजेपी की रणनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।

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सपा के गढ़ में बीजेपी का बड़ा दांव

करहल विधानसभा सीट, जो कि सपा का एक मजबूत गढ़ मानी जाती है, इस बार बीजेपी के लिए खास महत्व रखती है। यहां से मुलायम सिंह यादव के दामाद राजेश सिंह को टिकट दिया गया है। राजेश सिंह का राजनीतिक करियर अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन बीजेपी द्वारा उन्हें टिकट देने से यह स्पष्ट है कि पार्टी यादव परिवार के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। करहल सीट सपा के लिए हमेशा से अहम रही है, और यहां से मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ा था।

अन्य सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार

बीजेपी ने करहल के अलावा अन्य 6 सीटों के लिए भी अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। यह सीटें प्रमुख रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। पार्टी ने विभिन्न जातीय समीकरणों और सामाजिक संतुलन का ध्यान रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इन उपचुनावों में बीजेपी की रणनीति जमीनी मुद्दों और विकास कार्यों को मुख्य रूप से सामने रखने की है।

जातीय समीकरण और राजनीतिक रणनीति

बीजेपी ने इन उपचुनावों में जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखा है। पिछड़े वर्गों और दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है, जिनकी स्थानीय स्तर पर अच्छी पकड़ है। करहल सीट पर यादव समुदाय का प्रभाव अधिक है, और मुलायम सिंह के दामाद को टिकट देकर बीजेपी ने इस समुदाय को साधने की कोशिश की है।

बीजेपी की चुनौती

हालांकि बीजेपी इन उपचुनावों में पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन उसे सपा और अन्य क्षेत्रीय दलों से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। खासतौर पर करहल और रामपुर जैसी सीटों पर सपा का प्रभाव ज्यादा है, और यहां पर पार्टी को अपनी रणनीति को बेहद सावधानी से लागू करना होगा।

इन उपचुनावों का परिणाम न सिर्फ राज्य की राजनीति पर असर डालेगा, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण रहेगा

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