Madhya Pradesh news : क्या खजुराहो बन पाएगा ‘भिखारी मुक्त’? प्रशासन ने शुरू की तैयारी

Madhya Pradesh news : क्या खजुराहो बन पाएगा ‘भिखारी मुक्त’? प्रशासन ने शुरू की तैयारी

Madhya Pradesh news :मध्यप्रदेश का खजुराहो, जो विश्व धरोहर स्थल है, भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने पुनर्वास योजनाओं की शुरुआत की। भिखारियों को रोजगार और प्रशिक्षण देने के प्रयास जारी हैं, वहीं पुलिस और स्थानीय समुदाय से भी सहयोग की अपील की गई है। इससे पर्यटन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

Madhya Pradesh news : मध्यप्रदेश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में इन दिनों एक नई पहल की शुरुआत हुई है, जिसका उद्देश्य इसे ‘भिखारी मुक्त’ बनाना है। खजुराहो, अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और कला के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां पर बढ़ती भीख मांगने की समस्या ने पर्यटकों के अनुभव को प्रभावित किया है। राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों से इसे सुधारने की दिशा में अब ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

इसे भी पढ़े – RG कर रेप-मर्डर केस: दिल्ली कोर्ट ने संजय रॉय को किया दोषी

समस्या का बढ़ता स्तर

खजुराहो, जो कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और हर साल लाखों विदेशी और घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करता है, वहां की गलियों और मुख्य मार्गों पर भीख मांगने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन भिखारियों की स्थिति न केवल स्थानीय समाज के लिए चिंता का विषय बन गई है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी असुविधा का कारण बन रही है। इन भिखारियों में से कुछ तो अत्यधिक आक्रामक हो जाते हैं, जो पर्यटकों को मजबूर करते हैं, और इससे यहां की छवि पर नकारात्मक असर पड़ता है।

प्रशासन की पहल

इस समस्या को सुलझाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने ‘भिखारी मुक्त’ खजुराहो बनाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है। अभियान के तहत प्रशासन ने पहले तो उन भिखारियों की पहचान की है, जो किसी प्रकार के गंभीर मानसिक या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित नहीं हैं। इसके बाद इन्हें पुनर्वास केंद्रों में भेजने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, सरकार ने वंचित वर्ग के लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं, ताकि वे भीख मांगने के बजाय आत्मनिर्भर बन सकें।

पुनर्वास केंद्रों की स्थापना

कई भिखारी, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, आर्थिक कठिनाइयों के चलते भीख मांगने के रास्ते पर चल पड़े हैं। इन लोगों के लिए पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की गई है, जहां उन्हें न केवल मानसिक सहायता मिल रही है, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। पुनर्वास केंद्रों में उन लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे अपनी क्षमता के अनुसार काम कर सकें और अपनी आजीविका कमा सकें।

पुलिस और स्थानीय समुदाय की भूमिका

इस अभियान में पुलिस प्रशासन भी सक्रिय रूप से शामिल है। पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर भिखारियों को गिरफ्तार कर उन्हें पुनर्वास केंद्रों में भेजा है। वहीं, स्थानीय समुदाय को भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील की गई है। स्थानीय दुकानदारों और होटल मालिकों से भी यह आग्रह किया गया है कि वे भिखारियों को पैसे देने से बचें, क्योंकि इससे इस समस्या को बढ़ावा मिलता है। इसके बजाय, उन्हें पुनर्वास केंद्रों की जानकारी देने की सलाह दी गई है।

पर्यटन पर प्रभाव

यह पहल खजुराहो के पर्यटन उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब यह क्षेत्र भिखारी मुक्त होगा, तो न केवल पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा, बल्कि यहां की साफ-सफाई और सुरक्षा की स्थिति भी सुधरेगी। इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और खजुराहो की छवि को भी एक सकारात्मक दिशा मिलेगी।

निष्कर्ष

भिखारी मुक्त खजुराहो बनाने की दिशा में प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में यह अभियान सफल होगा। हालांकि, इसके लिए स्थानीय लोगों, प्रशासन और समाज के अन्य हिस्सों का सहयोग जरूरी है। यदि यह पहल सफल होती है, तो खजुराहो न केवल अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के लिए बल्कि अपनी स्वच्छ और सुरक्षित पर्यटन व्यवस्था के लिए भी पहचाना जाएगा।

नवीनतम वीडियो समाचार अपडेट प्राप्त करने के लिए संस्कार न्यूज़ को अभी सब्सक्राइब करें

CATEGORIES
TAGS
Share This