Summit :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

Summit :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

Summit :इस सम्मेलन में वह भारत की विकास यात्रा, तकनीकी प्रगति, और युवा शक्ति पर चर्चा करेंगे। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने बताया कि मोदी का संदेश भारत की विकास गाथा और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए उसके दृष्टिकोण को उजागर करेगा। यह सम्मेलन वैश्विक शासन, डिजिटल समावेशन, और युवा सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रहेगा​।

Summit :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 सितंबर, 2024 को संयुक्त राष्ट्र में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ (Summit of the Future) को संबोधित करेंगे। यह महत्वपूर्ण सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय सप्ताह के दौरान हो रहा है, जहां विश्व के नेता भविष्य की वैश्विक चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार-विमर्श करेंगे। इस मौके पर, पीएम मोदी भारत की विकास यात्रा को दुनिया के सामने रखेंगे, और खासतौर पर देश की युवा शक्ति, तकनीकी प्रगति, और स्थिर विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देंगे। ​

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन वैश्विक मंच पर भारत की उभरती भूमिका और उसके योगदान को प्रदर्शित करेगा। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, परवथनेनी हरीश ने बताया कि मोदी जी इस सम्मेलन में भारत की विकास गाथा साझा करेंगे, जिसमें देश के युवाओं की प्रमुख भूमिका होगी। भारत के 1.4 अरब जनसंख्या में से अधिकांश युवा हैं, और यही युवा शक्ति भारत के विकास के केंद्र में है। यह सम्मेलन वैश्विक शासन, तकनीकी समानता और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक नई दिशा तय करेगा, जिसमें डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों पर भी चर्चा होगी​।

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सम्मेलन के दौरान, संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश ‘भविष्य के लिए संधि’ (Pact for the Future) को अपनाएंगे, जिसमें डिजिटल तकनीकी की भूमिका पर विशेष जोर रहेगा। इस संधि का उद्देश्य भविष्य की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक नियमों और नीतियों को मजबूत करना है, जिसमें ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट और भविष्य की पीढ़ियों के लिए घोषणापत्र शामिल हैं। भारत इसमें विशेष योगदान देगा, क्योंकि वह तकनीकी समावेशिता और डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इसके अलावा, पीएम मोदी का भाषण वैश्विक दक्षिण-दक्षिण सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी केंद्रित रहेगा। भारत का ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) का दृष्टिकोण इस मंच पर साझा किया जाएगा। भारत जलवायु परिवर्तन के समाधान और विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और संसाधनों को साझा करने की प्रतिबद्धता पर भी जोर देगा। यह भारत की समर्पण भावना को दर्शाता है, जो वह वैश्विक चुनौतियों के समाधान में प्रदान करता है।

इस सम्मेलन में, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों की भी मांग करेगा, ताकि यह आधुनिक दुनिया की वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित कर सके। भारत की आवाज वैश्विक शांति, स्थिरता, और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदारियों का प्रतिबिंब है, और दुनिया को भारत की विकास गाथा से अवगत कराने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।

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