Changes in India-China relations : “ट्रंप के व्यापार युद्ध से भारत-चीन रिश्तों में बदलाव, बीजिंग ने दिया संकेत”

Changes in India-China relations : “ट्रंप के व्यापार युद्ध से भारत-चीन रिश्तों में बदलाव, बीजिंग ने दिया संकेत”

Changes in India-China relations : चीन और भारत के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं, विशेषकर 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसा के बाद। अब, सवाल यह उठ रहा है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से इन रिश्तों में कोई बदलाव आ सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि इसका प्रभाव सीमित हो सकता है।

Changes in India-China relations : दशकों की राजनीतिक और कूटनीतिक खींचतान के बावजूद, ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारत और चीन के रिश्तों में बदलाव लाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि “ड्रैगन और हाथी एकसाथ नचाने” के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। इस बीच, ट्रंप की टैरिफ नीति ने चीन के खिलाफ अमेरिकी दबाव बढ़ा दिया है। बीजिंग ने पहले चरण के 34 प्रतिशत टैरिफ का जवाब दिया, फिर अमेरिका ने 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाकर इसे 104 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति बन गई है।

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डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ‘चिकन गेम’ ने बीजिंग को नई दिल्ली के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया है। 8 अप्रैल, मंगलवार को चीनी दूतावास ने भारत और चीन से मिलकर “कठिनाइयों को दूर करने” का आह्वान किया। दिल्ली में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने एक्स पर कहा कि “चीन-भारत आर्थिक और व्यापार संबंध पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं।”

उन्होंने अमेरिकी टैरिफ के दुरुपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि यह “ग्लोबल साउथ” जैसे विकासशील देशों को अपने विकास के अधिकार से वंचित करता है। यू जिंग ने यह भी कहा कि इस समय के सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ खड़ा होना चाहिए, ताकि वे इस वैश्विक संकट का सामना कर सकें। यह बयान चीन-भारत रिश्तों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम प्रतीत होता है।

चीन की ट्रंप को चेतावनी: “व्यापार युद्ध का कोई विजेता नहीं”

चीनी दूतावास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक चेतावनी दी, जिसमें कहा गया कि “व्यापार और टैरिफ युद्ध का कोई विजेता नहीं होता।” उन्होंने सभी देशों से व्यापक परामर्श, सच्चे बहुपक्षवाद और एकतरफावाद के विरोध का आह्वान किया। चीनी दूतावास ने अपनी वैश्विक ताकत का उल्लेख करते हुए कहा कि चीन औसतन वैश्विक विकास में 30 प्रतिशत का योगदान देता है। पोस्ट में यह भी कहा गया, “हम बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की सुरक्षा के लिए बाकी दुनिया के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

चीन-भारत रिश्तों में सुधार की उम्मीद: शी जिनपिंग का बयान

भारत ने अभी तक चीनी दूतावास के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह बयान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 1 अप्रैल को दिए गए बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने भारत और चीन से मिलकर काम करने की बात की थी। बीजिंग की ओर से उच्चतम स्तर से सहयोग की अपील की गई है, हालांकि यह भी स्पष्ट है कि इसके पीछे अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर है। भारत-चीन के रिश्ते आमतौर पर कमजोर और तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर 2020 में गलवान घाटी में हिंसा के बाद।

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