Delhi Pollution : AI की नहीं, AQI की बात करनी होगी”: राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दिल्ली प्रदूषण का मुद्दा उठाया

Delhi Pollution : AI की नहीं, AQI की बात करनी होगी”: राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दिल्ली प्रदूषण का मुद्दा उठाया

Delhi Pollution : राघव चड्ढा ने राज्यसभा में प्रदूषण और पराली पर उठाये सवाल। उन्होंने बताया कि हम AI की तो बहुत बात करते हैं, लेकिन AQI की बात करनी पड़ेगी । इसके साथ ही ‘आप’ ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70 फीसदी से अधिक की कमी देखी गई।

Delhi Pollution : राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ते वायु प्रदूषण का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा, “हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की चर्चा कर रहे हैं, लेकिन असल समस्या एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की है। जब तक हम दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा को साफ करने के लिए गंभीर कदम नहीं उठाएंगे, तब तक अन्य विषयों पर चर्चा का कोई अर्थ नहीं है।”

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प्रदूषण पर सरकार से सवाल

चड्ढा ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के निवासी लगातार खराब वायु गुणवत्ता के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। चड्ढा ने संसद में केंद्र सरकार से पूछा, “क्या कोई राष्ट्रीय कार्ययोजना है जो इस संकट को हल कर सके?”

पराली जलाने का मुद्दा

चड्ढा ने दिल्ली और उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण के एक बड़े कारण, पराली जलाने, पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि हर साल अक्टूबर और नवंबर के महीनों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा पराली जलाने से वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर जाती है। उन्होंने किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए सुझाव दिया कि सरकार को पराली जलाने के समाधान के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “यह मुद्दा केवल किसानों पर दोष मढ़ने से हल नहीं होगा। हमें उन्हें सस्ती और प्रभावी तकनीक उपलब्ध करानी होगी ताकि वे पराली जलाने के बजाय अन्य तरीकों का उपयोग कर सकें।”

दिल्ली सरकार की पहल का जिक्र

चड्ढा ने दिल्ली सरकार की ‘पराली से बायोडीकंपोजर’ योजना का उल्लेख किया, जिसमें पराली को जलाने के बजाय इसे बायोडीकंपोजर से खाद में बदला जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक सफल मॉडल है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।

प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रभाव

उन्होंने दिल्ली के वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों का भी जिक्र किया। चड्ढा ने कहा, “दिल्ली के लोग रोजाना जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं, जो उनके फेफड़ों और दिल पर बुरा प्रभाव डाल रही है। बच्चे और बुजुर्ग इस प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। क्या हम इस समस्या का समाधान किए बिना इसे नजरअंदाज कर सकते हैं?”

सांसदों से सहयोग की अपील

राघव चड्ढा ने सदन में मौजूद सभी सांसदों से अपील की कि वे राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर प्रदूषण की इस गंभीर समस्या को हल करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, “यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य का सवाल है।”

राष्ट्रीय स्तर पर समाधान की मांग

उन्होंने प्रदूषण के स्थायी समाधान के लिए केंद्र सरकार से एक समन्वित राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करे और पर्यावरण संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाए।

निष्कर्ष

राघव चड्ढा का बयान संसद में प्रदूषण पर चर्चा के लिए एक अहम कदम है। दिल्ली और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसे हल करने के लिए ठोस नीति और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उनकी अपील ने न केवल प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि समाधान खोजने के लिए राष्ट्रीय एकजुटता की भी मांग की।

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