World Tribal Day 2024: विश्व आदिवासी दिवस जानिए इनका इतिहास और महत्त्व

World Tribal Day 2024: विश्व आदिवासी दिवस जानिए इनका इतिहास और महत्त्व

World Tribal Day 2024: 9 अगस्त को विश्व आदिवासी का दिवस मनाया जाता है। जिसके माध्यम से आदिवासी लोगों की उपलब्धियों और उनके योगदानों को प्रोत्साहन देने का दिन है।

World Tribal Day 2024: विश्व आदिवासी दिवस या विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष 9 अगस्त के दिन मनाया जाता है। आज के दिन आदिवासी (Tribal) लोगों की कितनी उपलब्धिया हासिल की है ये सब जानकर उनकी प्रशंसा करते है। आदिवासी लोगों ने पर्यावरण के संरक्षण में काफी सारा योगदान दिया है। जितनी पर्यावरण की आवश्यकता आम लोगो को होती है उनती ही आदि वासी लोगों को भी पर्यावरण की आवश्यकता होती है, इसीलिए इनके अधिकारों को ध्यान में रखते हुए इस दिन को मनाते है।

इसे भी पढ़े – Paris Olympics 2024: भारत के लिए बड़ी खुशखबरी भारत को मिल सकता है मेडल

जानकारी के मुताबिक 70 देशों में स्वदेशी और आदिवासी लोग पूरे विश्व में रहते हैं। इन लोगों की अपनी अलग संस्कृति,सभ्यता इनकी परंपरा,इनके रीति-रिवाज एकदम अलग है जिसमें वे अपने संसाधन के लिए पर्यावरण का सहारा लेते हैं। केवल भारत की ही बात करें तो भारत में लगभग 10 करोड़, 40 लाख लोग रहते हैं. जिसमे आदिवासी की संख्या देश की आबाधी का लगभग 8 प्रतिशत ही है। भारत में आदिवासी की जनसँख्या अत्यधिक मध्य प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में हैं।

World Tribal Day मनाने की शुरुआत वर्ष 1994 में हुई थी। दिसंबर, 1994 में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने एक फैसला लिया था कि विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाएगा। तभी से 9 अगस्त को ही World Tribal Day मनाने की प्रथा चली आ रही है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा आदिवासी लोगों के अधिकारों के महत्व को प्रोत्साहन करने के लिए ही इस दिन की शुरुआत हुई। संयुक्त राष्ट्र का प्रयास रहा है कि आदिवासी लोगों के जंगलों को, उनके घर को उनसे ना छीना जाए, साथ ही साथ उनके पर्यावरण के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो। इस वर्ष विश्व स्वदेशी दिवस पर स्वदेशी लोगों के ‘अपनी इच्छा से अलग और प्रारंभिक संपर्क में स्वदेशी लोगों के अधिकारों की रक्षा करने’ के महत्व पर ध्यान दिया जा रहा । इसका अर्थ है कि स्वैच्छा से यदि आदिवासी या स्वदेशी लोग बातचीत करना चाहें या फिर समाज से जुड़ना चाहें तो उन्हें जुड़ने दिया जाए लेकिन समाज का हिस्सा बनने के लिए उनके साथ किसी तरह की जोर-जबरदस्ती ना किया जाए।

नवीनतम वीडियो समाचार अपडेट प्राप्त करने के लिए संस्कार न्यूज़ को अभी सब्सक्राइब करें

CATEGORIES
TAGS
Share This