Shri Krishna Janmabhoomi : मुस्लिम पक्ष को मिला बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिला स्टे

Shri Krishna Janmabhoomi : मुस्लिम पक्ष को मिला बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिला स्टे

Shri Krishna Janmabhoomi : श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलावर को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के दावें को सही मानते हुए मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट भेजा।

Shri Krishna Janmabhoomi : श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर कोई स्टे नहीं दिया है। मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई चार नवंबर को की जाएगी। हालांकि कोर्ट का मानना है कि यह रिट इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में पहले होनी चाहिए थी। इसका भी परीक्षण होगा। यहां शाही ईदगाह कमेटी की लगभग 1600 पेज की याचिका पर कहा कि रिट का परीक्षण होगा।

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सुप्रीम कोर्ट में अपील

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह विवाद को सुनवाई के लिए 1अगस्त की डेट निश्चित की थी। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन के स्वामित्व को लेकर हिंदू पक्षकारों की तरफ से दाखिल सभी 15 सिविल वादों को सुनने योग्य मानते हुए मुस्लिम पक्ष की पांचों आपत्तियां खारिज की है। ईदगाह कमेटी ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को गलत कहा

मुस्लिम पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष के दावों को सही माना है जो कि सरासर गलत है। मुस्लिम पक्ष के इस प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह एवं पक्षकार आशुतोष पाण्डेय के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को कोई स्टे नहीं दिया है। साथ ही कहा कि इसका परीक्षण किया जायेगा जिसमे 4 नवंबर अगली तारीख सुनिश्चित की गई है। सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट संख्या2 में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार ने इस मामले में सुनवाई की।

हिंदू पक्षकारों की दलीलें

ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ क्षेत्र श्रीकृष्ण विराजमान का गर्भगृह है, वह हिस्सा जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद है। जबकि शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के पास भूमि का ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। श्रीकृष्ण मंदिर तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण हुआ है। बिना स्वामित्व अधिकार के वक्फ बोर्ड ने बिना किसी वैध प्रक्रिया के इसे वक्फ संपत्ति घोषित कर दी है।

मुस्लिम पक्ष की दलील

इस जमीन पर दोनों पक्षों के मध्य 1968 में समझौता हुआ था ।जिसकी वजह से इसे गलत बोलना ठीक नहीं है। जो कि, मुकदमा के चलने योग्य नहीं है। साथ ही साथ उपासना स्थल अधिनियम 1991 के अंतर्गत भी मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।

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