Mehbooba Mufti : महबूबा मुफ्ती ने दिया विवादित बयान जिसमे छिड़ी राजनीतिक बहस

Mehbooba Mufti : महबूबा मुफ्ती ने दिया विवादित बयान जिसमे छिड़ी राजनीतिक बहस

Mehbooba Mufti : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उनके इस बयान ने देश की राजनीतिक हलचल को और तेज़ कर दिया है।

Mehbooba Mufti : महबूबा ने हाल ही में कश्मीर की राजनीतिक स्थिति और अनुच्छेद 370 की बहाली के संदर्भ में केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखे हमले किए हैं।महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं किया और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं लाया, तो कश्मीर के लोग अपने अधिकारों के लिए फिर से संघर्ष करेंगे। उनके बयान में यह भी कहा गया कि अगर उन्हें धकेला गया, तो कश्मीर के लोग तिरंगा उठाने की बजाय दूसरे झंडे को प्राथमिकता देंगे। यह बयान न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे देश में राजनीतिक माहौल को गर्म करने का कारण बन गया है।

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राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं

महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेताओं ने उनके बयान को देशविरोधी करार दिया और इसे देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ बताया। भाजपा के अनुसार, महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं के ऐसे बयान सिर्फ कश्मीर में अस्थिरता फैलाने का प्रयास हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि महबूबा मुफ्ती का यह बयान पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना और भड़काऊ है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, चाहे कोई भी इसका विरोध करे।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों में महबूबा मुफ्ती के इस बयान को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस पर सीधा बयान देने से बचते हुए कहा कि कश्मीर की स्थिति बेहद संवेदनशील है और सभी राजनीतिक दलों को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उनसे संवाद करना चाहिए, न कि उन्हें दबाने की कोशिश करनी चाहिए।

अनुच्छेद 370 का मुद्दा

महबूबा मुफ्ती का बयान अनुच्छेद 370 से जुड़ा हुआ है, जिसे 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने हटा दिया था। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था, जो अब समाप्त हो चुका है। महबूबा सहित कई अन्य कश्मीरी नेताओं का मानना है कि अनुच्छेद 370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों पर चोट है, और इसे फिर से बहाल किया जाना चाहिए।

सारांश

महबूबा मुफ्ती का यह विवादित बयान एक बार फिर से कश्मीर की राजनीतिक स्थिति और अनुच्छेद 370 की बहाली के मुद्दे पर बहस को बढ़ावा दे रहा है। उनके बयान से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और केंद्र सरकार पर फिर से दबाव बढ़ सकता है कि वह कश्मीर के मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाए।

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