वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – देखे वीडियो

वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि देश में बार बार चुनाव होना विकास कार्यो में बाधा बनता है

केंद्र सरकार द्वारा ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद की जा रही है।

कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर एक देश, एक चुनाव की संभावना का पता लगाने के साथ । इसके साथ ही कमेटी लोगों की राय भी लेगी। वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) के विचार का मतलब देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने से है। पैनल में और कौन शामिल होंगे, इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। सदस्यों के बारे में अधिसूचना बाद में जारी की जाएगी।

एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) का मुद्दा बीजेपी के एजेंडे में रहा है। जो कि 2014 के घोषणापत्र में भी था । इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेता कई मौकों पर बोल चुके हैं। घोषणा पत्र में कहा गया था, “बीजेपी अपराधियों को खत्म करने के लिए चुनाव सुधार शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। बीजेपी अन्य दलों के साथ परामर्श के माध्यम से विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की पद्धति विकसित करने की कोशिश करेगी।

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वन नेशन वन इलेक्शन के नुकसान

विधानसभा में बदलाव राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नया बदलाव होता है तो यह लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है। विधानसभा के कार्यकाल को सरकार उनकी मर्जी के विपरीत घटा या बढ़ा सकती है। इस बदलाव के बाद उनका सिस्टम प्रभावित होगा।

एक देश, एक चुनाव (One Nation, One Election) को लागू करना इतना आसान नहीं है। इसके लिए कानून में भी बदलाव करना पड़ता है। पीपुल एक्ट से लेकर संसदीय नियमों में बदलाव किए जाएंगे। इन बदलावों को लेकर विपक्ष कितना सहयोग करता है, यह सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।

दोनों चुनाव एक साथ होते हैं तो राष्ट्रीय मुद्दों के सामने क्षेत्रीय मुद्दे हो जाएंगे नजरंदाज

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दोनों चुनाव एक साथ होते हैं तो राष्ट्रीय मुद्दों के सामने क्षेत्रीय मुद्दे नजरंदाज हो जाएंगे। ऐसे में क्षेत्रीय दलों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। वोटर्स के एक तरफा वोटिंग की आशंका रहेगी। जिससे केंद्र सरकार को फायदा होगा।

विधि आयोग का अनुमान, मतदान प्रतिशत में वृद्धि होगी

पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं. चुनाव के चलते इन राज्यों में आचार संहिता लागू कर दी जाती है, जिससे उस दौरान लोक कल्याण की नई योजनाओं पर प्रतिबंध लग जाता है. एक साथ चुनाव होने से केंद्र और राज्य की नीतियों और कार्यक्रमों में निरंतरता सुनिश्चित होगी.

विधि आयोग ने कहा है कि एक साथ चुनाव कराने से मतदान में वृद्धि होगी, क्योंकि वोटर्स के लिए एक बार में वोट देने के लिए निकलना ज्यादा सुविधाजनक होगा।

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