Jammu Kashmir Election 2024: मतगणना के बीच रवींद्र रैना ने छोड़ा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद, नौशेरा से हुए परास्त

Jammu Kashmir Election 2024: मतगणना के बीच रवींद्र रैना ने छोड़ा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद, नौशेरा से हुए परास्त

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है। मतगणना के लिए काउटिंग सेंटर्स के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। शुरुआती रुझानों में नेकां-कांग्रेस के गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है।

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने चुनावी मतगणना के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रवींद्र रैना ने यह कदम तब उठाया जब उन्हें उनके गृह क्षेत्र नौशेरा से करारी हार का सामना करना पड़ा। यह हार भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है, क्योंकि रैना पार्टी के प्रमुख चेहरे और रणनीतिकार माने जाते थे।

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नौशेरा से करारी हार

रवींद्र रैना, जो नौशेरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे, को इस चुनाव में भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। नौशेरा, जो रैना का गृह क्षेत्र है और जहां वे लंबे समय से प्रभावी नेता के रूप में देखे जाते थे, वहां से हारने के बाद यह तय माना जा रहा था कि पार्टी के भीतर उनके खिलाफ विरोध बढ़ेगा। मतगणना के प्रारंभिक रुझानों में ही यह स्पष्ट हो गया था कि रवींद्र रैना पिछड़ रहे हैं, और जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, उनकी हार की संभावना और स्पष्ट होती गई।

इस्तीफे की घोषणा

चुनावी हार के बाद रवींद्र रैना ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि वे पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा के साथ काम करते रहेंगे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अब उनकी जिम्मेदारी खत्म हो गई है। रैना ने कहा, “मैं पार्टी की सेवा करता रहूंगा, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने का अब कोई औचित्य नहीं है, जब मैंने अपने ही क्षेत्र में हार का सामना किया है।”

पार्टी में मंथन

रवींद्र रैना के इस्तीफे के बाद भाजपा के भीतर मंथन शुरू हो गया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठकें बुलाई हैं। रैना का इस्तीफा भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे लंबे समय से पार्टी के महत्वपूर्ण नेता और प्रदेश में भाजपा के चेहरे के रूप में काम कर रहे थे। भाजपा के कई नेता मानते हैं कि इस हार के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें स्थानीय मुद्दों से लेकर संगठनात्मक कमजोरियां भी शामिल हैं।

भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण समय

रवींद्र रैना के इस्तीफे ने भाजपा के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। जम्मू-कश्मीर में पार्टी के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य की राजनीतिक स्थिति पहले से ही जटिल है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा पार्टी की स्थिति को और कठिन बना सकता है।

आगे की राह

रवींद्र रैना की हार और इस्तीफे के बाद भाजपा के सामने अब नेतृत्व का सवाल उठ खड़ा हुआ है। पार्टी को अब एक नया प्रदेश अध्यक्ष चुनना होगा, जो जम्मू-कश्मीर में पार्टी को फिर से संगठित कर सके और आगामी चुनावों के लिए मजबूत रणनीति तैयार कर सके।

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